केंद्र ने कर्नाटक हाईकोर्ट को बताया, लिंगायत समुदाय को 1871 से माना जाता है हिंदू

By Team MyNationFirst Published Dec 11, 2018, 10:41 AM IST
Highlights

मुख्य न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एस. सुजाता की खंडपीठ ने अर्जियों का निपटारा करते हुए कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने इस बाबत कर्नाटक सरकार को लिखे गए केंद्र के पत्र की प्रति सौंप दी है और अब इन अर्जियों पर विचार की कोई जरूरत नहीं है। 

बेंगलुरू--केंद्र सरकार ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को बताया कि 1871 में हुई पहली जनगणना के समय से ही लिंगायत समुदाय के लोगों को हिंदू माना जाता रहा है।

केंद्र के इस कथन के बाद उच्च न्यायालय ने उन अर्जियों का निपटारा कर दिया जिसमें लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने की एक समिति की सिफारिशों को चुनौती दी गई थी। 

मुख्य न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एस. सुजाता की खंडपीठ ने अर्जियों का निपटारा करते हुए कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने इस बाबत कर्नाटक सरकार को लिखे गए केंद्र के पत्र की प्रति सौंप दी है और अब इन अर्जियों पर विचार की कोई जरूरत नहीं है। 

कर्नाटक सरकार ने केंद्र को 23 मार्च को लिखा था कि लिंगायत समुदाय को अलग धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाए। राज्य सरकार ने अपने इस पत्र के साथ समिति की सिफारिशों की प्रति भी दी थी। 

लेकिन केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कर्नाटक सरकार को 15 नवंबर को पत्र लिखकर कहा था कि लिंगायत समुदाय को 1871 की जनगणना के समय से ही हिंदू माना जाता रहा है।
 

click me!