देश में पेट्रोल की कीमतों में जल्द ही कमी आ सकती है। हालांकि पिछले दो महीनों के दौरान पेट्रोल की कीमतों में काफी कमी आ चुकी है। लेकिन सरकार पेट्रोल की कीमतों को 60 रुपए प्रति लीटर लाना चाहती है।
देश में पेट्रोल की कीमतों में जल्द ही कमी आ सकती है। हालांकि पिछले दो महीनों के दौरान पेट्रोल की कीमतों में काफी कमी आ चुकी है। लेकिन सरकार पेट्रोल की कीमतों को 60 रुपए प्रति लीटर लाना चाहती है। अगर पेट्रोलियम मंत्रालय और नीति आयोग की पेट्रोलियम कंपनियों के साथ बैठक सफल रही तो अगले दो महीने के दौरान पेट्रोल की कीमत साठ रुपए प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच सकती हैं।
असल में सरकार पेट्रोल की कीमतों को निचले स्तर पर लाना चाहती है और इसके लिए सरकार ने पेट्रोल में मेथनॉल मिलाने का फैसला किया है। सरकार पेट्रोल में मेथनॉल को 15 फीसदी मिलाना चाहती है। जबकि अभी सरकार एथनॉल को पेट्रोल में मिला रही है। अभी 10 फीसदी एथनॉल मिला रही है। जबकि 2003 के दौरान जब एथनॉल मिलाने का फैसला किया गया था तो उस वक्त 5 फीसदी एथनॉल को मिश्रित किया जाता था। सरकार एथनॉल के साथ ही मेथनॉल को मिलाना चाहती है। बाजार में एथनॉल की कीमत 40 रुपए प्रति लीटर है तो मेथनॉल की कीमत 20 रुपए प्रति लीटर है।
लिहाजा सरकार एथनॉल के साथ ही मेथनॉल की मिलने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसके लिए नीति आयोग ने कंपनियों की बैठक बुलाई है। अगर मोदी सरकार का ये कदम सफल होता है तो पेट्रोल की कीमतें साठ रुपए प्रति लीटर के स्तर पर आसानी से पहुंच सकती हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि फरवरी के अंत तक 15 फीसदी मेथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल जल्द ही पेट्रोल पंपों पर बिकना शुरू हो जाएगा। लिहाजा इसके लागू होने से आने वाले दिनों में पेट्रोल 7 से 8 रुपये और सस्ता हो सकता है। हालांकि इसके लिए अभी पेट्रोल पंपों को जल्द से जल्द जरूरी बदलाव करना पड़ेगा। ऐसा माना जा रहा है कि इसके लिए पम्पों पर एक अतिरिक्त रिफीलिंग मशीन होगी. 45 दिनों में 50000 पंपों में बदलाव संभव है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 69 रुपए प्रति लीटर के आसपास हैं जबकि 2018 अक्टूबर में ये 84 रुपए के स्तर तक पहुंच गयी थी।