भारत भले ही चीन से दोस्ताना संबंध बनाने के लिए हमेशा बेचैन रहता है। लेकिन चीन अब भी भारत को दुश्मन ही समझता है। इसकी झलक बार बार चीन की नीतियों में दिख जाती है।
नई दिल्ली: चीन ने एक बार फिर भारत से दुश्मनी निभाई है। उसने न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप यानी एनएसजी में भारत के प्रवेश पर अड़ंगा लगाने की कोशिश की है। वह न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की एंट्री पर राजी नहीं है। चीन ने कहा कि जिन देशों ने परमाणु अप्रसार संधि(एनपीटी) पर दस्तखत नहीं किए हैं, उनके लिए विशेष योजना बनाई जाए। इससे पहले भारत को इस एलीट ग्रुप में शामिल करने को लेकर कोई चर्चा नहीं होगी।
भारत ने मई, 2016 में न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में सदस्यता के लिए आवेदन किया था. तभी से चीन बार-बार अड़ंगा लगा रहा है।
दरअसल कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में 20-21 जून को एनएसजी की बैठक हुई है। जहां भारत को भी सदस्य बनाने पर चर्चा हुई। लेकिन चीन ने इसमें अड़ंगा डाल दिया। बताया जा रहा है कि चीन ने इस मसले पर सदस्य देशों के बीच आम सहमति बनाने को लेकर टाइमलाइन देने से भी इनकार कर दिया है।
NSG 48 सदस्य देशों का समूह है, जो वैश्विक तौर पर परमाणु व्यापार को नियंत्रित करता है। भारत और पाकिस्तान एनपीटी पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में नहीं हैं। भारत के बाद पाकिस्तान ने भी 2016 में इसका सदस्य बनने के लिए आवेदन किया था।
भारत को इस विशेष क्लब में शामिल करने के लिए चीन 2-स्टेप प्लान की मांग कर रहा है। इसके तहत वह NSG सदस्यों से गैर-NPT देशों की एंट्री के लिए कुछ नियमों पर प्रतिबद्धता चाहता है और उसके बाद ही चर्चा पर आगे बढ़ना चाहता है।