फिलहाल भारतीय सेना ने पैंगोंग इलाके में चीन से टकराव के बीच अपनी तैनाती तो मजबूत कर लिया है। जिसको लेकर चीन पर दबाव है। वहीं चीन भारत से बातचीत कर रहा है। लेकिन अभी तक उसका कोई परिणाम नहीं निकला है। लिहाजा जारी गतिरोध के टूटने के आसार नहीं हैं।
नई दिल्ली। पिछले दिनों चीन सैनिक लाउडस्पीकर लगाकर भारतीय सैनिकों को लद्दाख में खून जमाने वाली सर्दी को लेकर डार रहे थे और पंजाबी गानों पर नाच कर रहे थे। लेकिन अब चीन के सैनिक इस सर्दी में कंपकपाने लगे हैं। जबकि ऊंची चोटियों पर भारतीय सैनिक सीना ताने खड़े हैं। जिसको देखकर चीन के सैनिक परेशान हो गए हैं। असल में चीनी सेना ये भूल गई है कि भारतीय सैनिक जब सेना में जाते हैं उन्हें मालूम है कि उन्हें किन परिस्थितियों में रहना है। जबकि चीन सरकारी नियमों के तहत सेना में भर्ती की जाती है।
फिलहाल भारतीय सेना ने पैंगोंग इलाके में चीन से टकराव के बीच अपनी तैनाती तो मजबूत कर लिया है। जिसको लेकर चीन पर दबाव है। वहीं चीन भारत से बातचीत कर रहा है। लेकिन अभी तक उसका कोई परिणाम नहीं निकला है। लिहाजा जारी गतिरोध के टूटने के आसार नहीं हैं। पैंगोंग से लेकर रेजांग ला तक भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने डटी हुई हैं। इसी बीच पिछले दिनों मास्को में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक हुई थी और इसमें दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी थी।
लेकिन चीन के जिद के कारण सहमित पर अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। इसके साथ ही पिछले नौ दिनों में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत पर फैसला नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि भारत की सेना की लद्दाख में मजबूत पकड़ के कारण चीनी सेना यह महसूस कर रही है कि भारतीय सेना ने पैंगोंग की चोटियों पर रणनीतिक पोजीशन बना ली है। जिसके कारण वह चाहता है कि पहले भारत की सेना वहां से हटे। जबकि भारतीय सेना ने साफ कर दिया है कि जिन इलाकों में वह मौजूद हैं। वह भारत की सीमा है और चीन का इससे कोई सरोकार नहीं है।
वहीं लद्दाख क्षेत्र में ठंड पड़ने शुरू हो गई है और चीनी सेना की हालत खराब होने लगी है। पिछले दिनों ही चीन के सैनिक लाउडस्पीकर लगाकर भारत के सैनिकों का मनोबल कम करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन अब उनका ही मनोबल ठंड के कारण टूटने लगा है। भारतीय सेना ने सर्दियों की दस्तक के साथ ही अपनी तैयारियां तेज कर दी है।