केंद्रीय गृहमंत्रालय के अनुसार, सीआईएसएफ की तैनाती के नियम व शर्तें वहीं हैं जो दूसरे एयरपोर्टों के लिए हैं।
देश के तीन सबसे संवेदनशील एयरपोर्टों लेह, श्रीनगर और जम्मू की सुरक्षा का जिम्मा अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के पास होगा। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। यह मामला दो साल से अटका हुआ था।
'माय नेशन' के हाथ लगे एक पत्र के अनुसार, गृहमंत्रालय ने सीआईएसएफ को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद तुरंत जिम्मा संभालने को कहा है। इसमें सीआईएसएफ की ओर से तीनों एयरपोर्ट का सुरक्षा सर्वे किया जाना भी शामिल है।
इस समय जम्मू-कश्मीर पुलिस सीआरपीएफ के साथ मिलकर इन एयरपोर्टों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है। इन्हें देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है।
12 नवंबर को लिखे गए पत्र के अनुसार, 'जम्मू, श्रीनगर और लेह एयरपोर्ट में सीआईएसएफ को तैनात करने का फैसला लिया गया है। इसके नियम व शर्तें वहीं हैं जो सीआईएसएफ की दूसरे एयरपोर्टों पर तैनाती के लिए हैं।'
इस पत्र के मुताबिक, 'तैनाती से पहले सर्वे समेत सभी औपचारिकताओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के लिए कहा गया है। ताकि सीआईएसएफ को जल्द से जल्द जिम्मा दे दिया जाए।' केंद्रीय गृहमंत्रालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से भी कहा है कि वह नियमित आधार पर तैनाती के लिए वित्तीय राशि उपलब्ध कराए।
सुरक्षा के लिहाज से इन एयरपोर्ट पर विशेष तरह के बंधन होते हैं, जिनका यहां से सफर करने वाले यात्रियों को पालन करना होता है।
सीआरपीएफ और सीआईएसएफ के बीच इन एयरपोर्टों की सुरक्षा का जिम्मा लेने की होड़ रही है। सीआरपीएफ का कहना है कि ये एयरपोर्ट संवेदनशील क्षेत्र में आते हैं, लिहाजा इनकी सुरक्षा का जिम्मा उन्हें दिया जाना चाहिए। वह कश्मीर में काफी समय से सुरक्षा का दायित्व संभाल रहे हैं।
सीआईएसफ की कुल क्षमता 1.5 लाख है। एयरपोर्ट सेक्टर में सुरक्षा का जिम्मा अतिरिक्त महानिदेशक रैंक के अधिकारी को दिया जाता है। सीआईएसएफ के पास दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू समेत देश के सभी हाई प्रोफाइल एयरपोर्टों का सुरक्षा दायित्व संभालने वाले दक्ष सुरक्षाकर्मी हैं। इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइटसंख्या आईसी-814 के हाईजैक की घटना के बाद सीआईएसएफ को एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है।