नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। खासतौर से गैरभाजपा शासित राज्यों में ये प्रदर्शन हिंसक और तेज हैं। हालांकि पूर्वोत्तर और असम इस कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन शांत हुए हैं। क्योंकि इन राज्यों में सरकार और स्थानीय प्रशासन प्रदर्शनकारियों को ये समझाने में सफल हो रहा है कि इस देश के रहने वालों पर इसका कोई असर नहीं है। लिहाजा कल से पूर्वोत्तरों में प्रदर्शन कम हुए हैं।
नई दिल्ली। नागरिकता कानून का विरोध में पूर्वोत्तर राज्यों में चल रहा विरोध प्रदर्शन अब पश्चिम बंगाल तक पहुंच गया है। पूर्वोत्तर राज्यों में इसका विरोध खत्म हो रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। जहां सरकारी संपत्तियों को प्रदर्शकारी निशाना बना रहे हैं। इसके विरोध में पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा रेलवे स्टेशन को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही कई ट्रेनों को निशाना बनाया गया है। जिसके कारण कई लोग घायल हुए हैं और कई लोगों को चोट लगी है।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। खासतौर से गैरभाजपा शासित राज्यों में ये प्रदर्शन हिंसक और तेज हैं। हालांकि पूर्वोत्तर और असम इस कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन शांत हुए हैं। क्योंकि इन राज्यों में सरकार और स्थानीय प्रशासन प्रदर्शनकारियों को ये समझाने में सफल हो रहा है कि इस देश के रहने वालों पर इसका कोई असर नहीं है। लिहाजा कल से पूर्वोत्तरों में प्रदर्शन कम हुए हैं। लेकिन अब ये प्रदर्शन पश्चिम बंगाल पहुंच गया है।
जहां हिंसक प्रदर्शनों के साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। राज्य के मुस्लिम बाहुल्य मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा रेलवे स्टेशन परिसर को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया और आरपीएफ कर्मियों से भी मारपीट की। वहीं ग्रामीण हावड़ा, बीरभूम, बर्दवान, उत्तरी बंगाल और राज्य के मुस्लिम बहुल इलाकों हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं और प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्तियों को जला रहे हैं। वहीं इस कानून का विरोध कर रही पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस कानून को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
गैर भाजपा शासित राज्यों में हो रहा है प्रदर्शन
पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल ही नहीं केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ में इसका कानून का विरोध हो रहा है। पंजाब के सीएम कैप्टन अमेन्द्रर सिंह ने साफ कर दिया है कि पंजाब में इस लागू नहीं किया जाएगा। वहीं महाराष्ट्र में भी शिवसेना की सहयोगी कांग्रेस ने कहा कि वह राज्य में इस कानून को लागू नहीं करने देगी।