कोर्ट ने लिफ़ाफ़े में दी गई सामग्री देखी लेकिन खुले मंच पर कुछ भी ज़ाहिर नहीं होने दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि बैंस को दी गई सुरक्षा जारी रहे। कोर्ट के आदेश पर सीबीआई के डाइरेक्टर, आईबी चीफ और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर स्पेशल बेंच के पास पहुंचे। सूत्रों के अनुसार ये तीनों अला अफसर गेट नंबर 1 से कोर्ट परिसर में दाखिल हुए। इस गेट को केवल जज ही आयने जाने कर सकते हैं।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे कथित यौन शोषण के मामले में आज एडवोकेट उत्सव बैंस ने सनसनीखेज खुलासा किया। सूत्रों के अनुसार जो सील बंद लिफाफा बैंक ने जस्टिस दीपक मिश्र, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस रोहिंटन नरीमन की बेंच को दिया उसमें बड़े कुछ बड़े नेता और बिजनेसमैन के नाम हैं। बैंस के अनुसार यही लोग हैं जो कि इन आरोपों के पीछे हैं और इस साजिश में शामिल हैं। सूत्रों की माने तो बैंस ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया है कि एक और जस्टिस के खिलाफ ऐसा ही कुछ तना बना बुना जा रहा है।
जबकि बैंस ने सुप्रीम कोर्ट को बंद लिफ़ाफ़े में साड़ी जानकारी दी जिसमे एक सी सी टी वी फुटेज भी है जो की बैंस की कहानी को बयान करता है। कोर्ट ने लिफ़ाफ़े में दी गई सामग्री देखी लेकिन खुले मंच पर कुछ भी ज़ाहिर नहीं होने दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि बैंस को दी गई सुरक्षा जारी रहे।
इस स्पेशल बेंच ने मौजूद एटार्नी जनरल तुषार मेहता से कहा कि चेंबर में किसी जिम्मेदार अफसर बुलाया जाए जो बता सके की इस मामले की जांच कैसे होगी।
कोर्ट के आदेश पर सीबीआई के डाइरेक्टर, आईबी चीफ और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर स्पेशल बेंच के पास पहुंचे। सूत्रों के अनुसार ये तीनों अला अफसर गेट नंबर 1 से कोर्ट परिसर में दाखिल हुए। इस गेट को केवल जज ही आयने जाने कर सकते हैं।
कोर्ट 3 बजे के बाद फिर सुनवाई शुरू करेगा। इसी सुनवाई में कैसे जांच होगी इस बात पर फैसला सुनाया जा सकता है।
उत्सव बैंस का दावा था कि उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में चीफ जस्टिस गोगोई को फंसाने और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी का प्रतिनिधित्व करने का ऑफर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बैंस को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है।
बैंस ने यह भी दावा किया कि उसके बदले उन्हें 1.5 करोड़ रुपये देने का ऑफर दिया गया था। बैंस ने आरोप लगाया कि यह कुछ लोगों की साजिश थी, जो चाहते हैं कि मुख्य न्यायाधीश गोगोई इस्तीफा दे दें। उन्होंने कहा कि वह शीर्ष अदालत में अपने अनुभव को बयान करते हुए एक हलफनामा दायर करेंगे और कहा कि वह कथित रूप से शामिल लोगों का नाम भी देंगे।
एक पूर्व कर्मचारी द्वारा सीजेआई पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की खबर आने के तुरंत बाद बैंस ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा था। उन्होंने कहा था कि उनसे संपर्क करने वाला व्यक्ति रिश्तेदार होने का दावा भी कर रहा था। लेकिन वह एक प्रशिक्षित एजेंट की तरह लग रहा था और उसने कभी भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया।