छात्राओं के पीरिड्स के नाम पर उतारे गए कपड़े, जांच शुरू

गुजरात के भुज में एक कॉलेज के हॉस्टल की 60 से अधिक छात्राओं की मासिक धर्म के नाम पर उनकी जांच की गई। हॉस्टल प्रशासन ने ये जांच कि छात्राओं को कहीं मासिक धर्म तो नहीं हो रहा है और इसके लिए उनके कपड़े उतारे गए। 

Clothing removed in the name of girl students' periods, investigation begins

अहमदाबाद। गुजरात के एक कॉलेज के हास्टल में छात्राओं की मासिक धर्म का जांच के लिए उनके कपड़े उतारकर इसकी जांच की गई। इस मामले के तूल पकड़ने के लिए बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं। फिलहाल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि मामला कॉलेज का नहीं है बल्कि ये हॉस्टल का मामला है। इस मामले में महिला आयोग ने भी राज्य सरकार को जांच करने का आदेश दिया है। इस मामले के तूल पकड़ने बाद शुक्रवार को कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और लड़कियों को उनके कमरे में ही रोक दिया गया।

गुजरात के भुज में एक कॉलेज के हॉस्टल की 60 से अधिक छात्राओं की मासिक धर्म के नाम पर उनकी जांच की गई। हॉस्टल प्रशासन ने ये जांच कि छात्राओं को कहीं मासिक धर्म तो नहीं हो रहा है और इसके लिए उनके कपड़े उतारे गए। फिलहाल इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुजरात में महिला कॉलेज में हुए इस कृत्य की जांच करने के आदेश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक गुजरात के कच्छ के सहजनवां गर्ल्स इंस्टीट्यूट कॉलेज में 60 से अधिक अंडरग्रेजुएट छात्राओं को को टॉयलेट में लाइन से खड़ा कर उनके अंडरगारमेंट्स उतारकर इस बात की जांच की गई कि कहीं वह मासिक धर्म में तो नहीं है।

महिला आयोग ने इस मामले में संस्थान के प्रभारी अधिकारियों, ट्रस्टी प्रवीण पिंडोरा और प्रमुख रीता रानीगा से स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने हॉस्टल के इस कृत्य को "शर्मनाक " बताया। इस मामले में कच्छ विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति और गुजरात पुलिस प्रमुख को भी आयोग को रिपोर्ट देने को कहा है। शुक्रवार को इस मामले में मीडिया और सोशल मीडिया में आने के बाद छात्राओं ने कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। असल में ये कॉलेज हिंदू संप्रदाय स्वामीनारायण द्वारा संचालित किया जाता है और छात्रावास के नियम तय के तहत यहां पर मासिक धर्म वाली महिलाओं के लिए सख्त नियम हैं और जिसके तहत उन्हें रसोईघर और मंदिर में जाने की मनाही होती है।
 

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