राज्य में पार्टी की खोई जमीन तलाशने में जुटे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के लिए खड़ी हो सकती हैं मुश्किलें
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कांग्रेस कार्यसमिति में लिए जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस की खेमेबाजी खुलकर सतह पर आ गई है। रावत के कांग्रेस में बढ़ते कद के बाद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। पार्टी का एक धड़ा खुलकर उनकी मुखालफत करता नजर आ रहा है।
यह गुटबाजी तब देखने को मिली जब कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी अनुराग नारायण सिंह के देहरादून दौरे से पहले प्रीतम सिंह ने कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में पहुंचने की अपील की। हालांकि उनके पूर्ववर्ती किशोर उपाध्याय ने यह कहते हुए प्रदेश अध्यक्ष की बात काटने का प्रयास किया कि सभी का देहरादून पहुंचना तभी संभव हो सकता है, जब यह पार्टी का कार्यक्रम हो। कार्यकर्ताओं के लिए किसी दूसरे गुट के कार्यक्रम में जाना मुश्किल हो सकता है। इससे परेशानी खड़ी हो सकती है।
उपाध्याय ने कहा, 'यह कार्यक्रम गर्म दूध की तरह है, जिसे न तो पिया जा सकता है और न ही फेंका जा सकता है।' इसके बाद शाम को हरीश रावत देहरादून में पार्टी मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान प्रीतम सिंह तो उपस्थित रहे लेकिन उपाध्याय वहां नहीं थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हरीश रावत को महासचिव की हैसियत से कांग्रेस कार्यसमिति में लेने और असम का प्रभारी बनाने से उनका कद पार्टी में बढ़ा है।
पिछले साल रावत के नेतृत्व में पार्टी को मिली शर्मनाक हार के बाद वह कांग्रेस की उत्तराखंड के लिए बन रही योजनाओं में फिट नहीं बैठ रहे। लेकिन उनका पार्टी में उभार प्रीतम सिंह और किशोर उपाध्याय दोनों के लिए ही खतरा माना जा रहा है। प्रीतम इन दिनों प्रदेश में पार्टी का खोया जनाधार लौटाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। (देहरादून से राकेश चंद्रा की रिपोर्ट)