Sep 17, 2018, 7:29 PM IST
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर में ईसाई मिशनरियों के एक बड़े धर्म परिवर्तन रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
यह लोग बीमारी ठीक करने की आड़ में मासूम लोगों का धर्म बदलकर ईसाई बना रहे थे। सिर्फ इतना ही नहीं, इस अड्डे पर दूसरे धर्मों के विरोध में दुष्प्रचार भी होता था। यह मामला गोरखपुर के गुलरिहा थाना के भटहट इलाके के रघुनाथपुर गांव का है।
यहां पर लगभग 200 लोगों को इकट्ठा करके धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। यह पूरा रैकेट गांव के ही एक शख्स अनिल कुमार के घर से चलाया जा रहा था। सबसे शर्मनाक बात यह है कि यहां पर ईसाई धर्म प्रचारक लोगों की गंभीर बीमारियों को ठीक करने का दावा भी करते थे। यह धोखेबाज दावा करते थे, कि उनकी सिखाई हुई ईसाई पद्धति से पूजा करने से उनकी गंभीर बीमारियां भी ठीक हो जाएंगी। इससे लोग झांसे में आकर धर्म परिवर्तन कर लेते थे।
इस बारे में शिकायत मिलने पर जब पुलिस कार्रवाई करने पहुंची, तो अंधविश्वास में घिरे लोगों ने पुलिस टीम का विरोध करना शुरु कर दिया।
इस मामले में पुलिस ने धार्मिक विद्वेष भड़काने का मुकदमा दर्ज करके पांच लोगों को हिरासत में लिया है।
जांच के दौरान ऐसा पता चला, कि इस जगह का मालिक और मुख्य आरोपी अनिल कुमार पिछले 10 वर्ष से यहां ईसाई धर्म की प्रार्थना सभा का आयोजन करता है। अनिल अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर दूसरे धर्मों के खिलाफ दुष्प्रचार भी करता था।
पुलिस ने इस मामले में आईपीसी 153 ए, 147 और औषधि एवं चमत्कारी उपचार अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरु कर दी है। एक अधिकारी के मुताबिक, मौके पर मौजूद ज्यादातर लोग या तो गरीब परिवारों से ताल्लुक रखनेवाले थे या फिर पिछड़ी जातियों से थे।
यह प्रार्थना स्थल भी दलित-मलिन बस्ती के बीचोबीच था। इस जगह का मालिक अनिल लोगों के अंधविश्वास, अशिक्षा, बीमारी और गरीबी का फायदा उठाकर उन्हें धर्म परिवर्तन का निशाना बना रहा था।