दिल्ली-एनसीआर वालों सावधान, फिर हवा में घुल रहा है जहर

By Team MynationFirst Published Oct 6, 2018, 4:25 PM IST
Highlights

दिल्ली-एनसीआर में फिर से वायु प्रदूषण दस्तक दे रहा है। इसकी वजह  दिन में ही आसमान में अंधेरा छाने की आशंका है। धूल भरी आंधियों से बचने के लिए मास्क खरीद लें और खिड़की दरवाजों के रास्ते धूल घर में न घुसे, इसका इंतजाम कर लें। बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों का खास ख्याल रखें।  
 

ईरान और पाकिस्तान के रास्ते एक भयानक मुसीबत भारत की ओर बढ़ रही है। अरब सागर से उठ रही हवाएं प्रति चक्रवात का रुप धारण करने लगी हैं। 

जल्दी ही यह दिल्ली और एनसीआर को अपनी चपेट मे लेने के बाद पूरे उत्तर भारत में छा जाएंगी। इसकी वजह से भारी अंधड़ और तूफान की आशंका है। 

पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण के मुताबिक यह प्रति चक्रवात(एंटी सायक्लोन) फिलहाल लक्षद्वीप में है।
स्काईमेट वेदर ने जानकारी दी है, कि अरब सागर पर मौसमी सिस्टम विकसित हो रहा है। यह सिस्टम अगले कुछ दिनों में चक्रवाती तूफान लुबान का रूप लेगा। इसके साथ ही उत्तर भारत के पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखेगा। दोनों सिस्टम एक-दूसरे के पूरक बनकर मौसम में बदलाव लाएंगे।

मौसम विभाग ने आशंका जताई है, कि प्रति चक्रवात के कारण पैदा हुआ आंधी तूफान 10 अक्टूबर तक भारत पहुंच जाएगा और इसका प्रभाव लगभग एक सप्ताह तक रहेगा। 

इस दौरान अगर बारिश हो जाती है, तो वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत मिल सकती है। लेकिन अगर हरियाणा और पंजाब के किसानों ने पिछली बार की तरह इस साल पुआल(पराली) जलानी शुरु कर दी, तो हालात और बदतर हो सकते हैं।
हालांकि पराली जलाने पर ढाई(2.5) से पांच(5) हजार का जुर्माना है।  

दिल्ली-एनसीआर में अक्टूबर की शुरुआत से ही हवा में कार्बन का स्तर बढ़ने लगा था। सेन्ट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दिनों दिल्ली का एयर इंडेक्स 201, भिवाड़ी का 298, गुरुग्राम का 292, फरीदाबाद का 206, गाजियाबाद का 248, ग्रेटर नोएडा का 202 और नोएडा का 257 दर्ज हुआ।

जो कि खराब की श्रेणी में आता है। 

पिछले तीन सालों से हर बार अक्टूबर के महीने में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ जाता है। पिछले साल यानी 2017 में अक्टूबर के महीने में 14 दिनों तक प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। जबकि 2015 में 9 दिन और 2016 में 4 दिन प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर पर था। 

इन दिनों में बच्चों, बूढ़ों और सांस के मरीजों को बहुत ज्यादा परेशानी हुई थी। अब इस इलाके में फिर से एक बार वही आफत मंडराने लगी है। 

click me!