राजधानी दिल्ली के रानी झांसी मार्ग का आज मातम का नजारा है। अपनों को खोजने के लिए मृतकों के परिजन इधर उधर दौड़ रहे हैं। हर किसी की नजर अपनों को तलाश कर रही है। लेकिन इस भयावह घटना में किसी के चेहरे नहीं पहचाने जा रहे हैं। क्योंकि इस डेथ फैक्ट्री में 43 लोगों की मौत हो गई। आग से ज्यादा धुंए के कारण लोगों की मौत हुई और संकरी गलियों के कारण बचाव कार्य में देरी हुई, जिसके कारण लोगों को बचाया नहीं जा सका।
नई दिल्ली। दिल्ली के रानी झांसी रोड पर चार मंजिला फैक्ट्री डेथ चैंबर बन गई है। इसमें 43 लोगों की मौत हो गई और कई अभी जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं। बेहद संकरी सड़क पर बनी फैक्ट्री में आग लगने के बाद फायरब्रिगेड के कर्मचारियों को जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। लेकिन 43 लोगों की मौत आग से ज्यादा कमरों में फैले धुएं के कारण हुई।
राजधानी दिल्ली के रानी झांसी मार्ग का आज मातम का नजारा है। अपनों को खोजने के लिए मृतकों के परिजन इधर उधर दौड़ रहे हैं। हर किसी की नजर अपनों को तलाश कर रही है। लेकिन इस भयावह घटना में किसी के चेहरे नहीं पहचाने जा रहे हैं। क्योंकि इस डेथ फैक्ट्री में 43 लोगों की मौत हो गई। आग से ज्यादा धुंए के कारण लोगों की मौत हुई और संकरी गलियों के कारण बचाव कार्य में देरी हुई, जिसके कारण लोगों को बचाया नहीं जा सका।
वहीं फैक्ट्री में आने जाने का रास्ता एक ही था। जिसके कारण लोगों को बाहर निकलने में मुश्किल हुई और वह इस आग की चपेट में आ गए। फायर ब्रिगेड को आग लगने की जानकारी सुबह 5.22 बजे मिली जबकि 4.30 बजे के आसपास इस बिल्डिंग में आग लग गई थी। इसके बाद 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। दमकल कर्मियों ने राहत कार्य के जरिए 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला। राहत कार्य में करीब 150 फायरब्रिगेड को लगाया गया था। माना जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी।
जानकारी के मुताबिक इस चार मंजिला में 100-150 मजदूर थे जो यूपी और बिहार से आए थे। इसमें से ज्यादा बच्चे नाबालिक थे। आग लगने से जब धुआं फैला तो इस आग के कारण यहां पर काम करने वाले बेहोश हो गए और बाद में आग की चपेट में आ गए। इस आग की चपेट में आए लोगों में बिहार के समस्तीपुर के हरपुर गांव के 30 लोग भी हैं। वहीं फैक्ट्री में प्लास्टिक, पैकेजिंग और प्लास्टिक का सामान होने के कारण आग तेजी से फैल गई। फिलहाल आग में झुलसे 15 अस्पताल में हैं और इसमें से नौ निगरानी में हैं और कई आंशिक रूप से झुलसे हैं।