राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने एसीबी के कामकाज की समीक्षा बैठक के दौरान इसको लेकर अफसरों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि हर साल की जाने वाली संपत्ति की घोषणा को अब सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है और इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं।
जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने नया ऐलान कर जनता को राहत देने की कोशिश की है। राजस्थान सरकार ने कहा कि अब प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के लिए सालाना संपत्ति की घोषणा करनी होगी। अगर किसी कर्मचारी ने ऐसा नहीं किया तो उसकी सालाना वृद्धि रोक ली जाएगी। सभी कर्मचारियों के लिए अपनी सालाना चल-अचल संपत्ति की ऑनलाइन घोषणा करना अनिवार्य होगा।
राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने एसीबी के कामकाज की समीक्षा बैठक के दौरान इसको लेकर अफसरों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि हर साल की जाने वाली संपत्ति की घोषणा को अब सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है और इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। ताकि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आए। वहीं आय से अधिक संपत्ति के मामलों को उजागर करने में एसीबी को मदद भी मिलेगी। हालांकि अभी तक राज्य में केवल गजेटेड ऑफिसर्स के लिए ही संपत्ति की घोषणा करनी अनिवार्य थी। लेकिन अब इसके दायरे में सभी वर्ग के कर्मचारी आ गए हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत के लिए एसीबी की हेल्पलाइन 1064 को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके जरिए अपनी शिकायतें भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ कर सकें।
सीएम ने अफसरों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी कार्यालयों में इस हेल्पलाइन की जानकारी देने के लिए पोस्टर चस्पा किए जाएं। असल में करीब तीन माह में ही इस हेल्पलाइन पर आय से अधिक सम्पत्ति, पद के दुरुपयोग और रिश्वत मांगने की 1107 शिकायतें सरकार को मिली हैं। इसके बाद राज्य के सीएम ने सभी कर्मचारियों की आय और संपत्ति का ऐलान करने को कहा है। सीएम गहलोत ने शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखने के निर्देश दिए हैं ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को सरकारी संरक्षण मिल सके और ज्यादा से ज्यादा लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा सकें।