दिल्ली में हार, पर झारखंड में भाजपा को मिली अच्छी खबर

गौरतलब है कि मरांडी ने बागी विधायक दिलीप तिर्की को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, जबकि दूसरे विधायक को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। हालांकि दोनों विधायकों पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष को करना है। 

Defeat in Delhi, but BJP gets good news in Jharkhand

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में भारतीय जनता को बड़ा झटका मिला है। चुनावों में भाजपा को महज आठ सीटों पर ही जीत मिली है। लेकिन इस हार के साथ ही भाजपा को झारखंड में अच्छी खबर मिली है। क्योंकि भाजपा के पुराने बागी और झारखंड विकास मोर्चा के प्रमुख बाबू लाल मरांडी भाजपा में वापसी कर रहे हैं। बाबू लाल मरांडी का एक तरह से वनवास खत्म हो रहा है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने 17 फरवरी को भाजपा में वापसी का ऐलान किया है और उनकी पार्टी का भाजपा में विलय हो जाएगा। जिसके बाद भाजपा को राज्य में मजबूती मिलेगी।

Defeat in Delhi, but BJP gets good news in Jharkhand

जेवीएम का 17 फरवरी को जगन्नाथपुर मैदान में एक औपचारिक विलय समारोह होगा, जिसमें भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा उपाध्यक्ष ओम प्रकाश के साथ ही वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। मरांडी ने कहा कि पार्टी के पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष और कार्यकारी समिति के सदस्यों ने ये फैसला किया है। जिसके बाद पार्टी का भाजपा में विलय हो जाएगा। हालांकि पार्टी के तीन में दो विधायकों ने पहले ही बगावत की है और  उन्हें पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

लिहाजा भाजपा में विलय के मौके पर एक ही विधायक मौजूद  होगा। गौरतलब है कि वर्तमान में 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में भाजपा के 25 विधायक हैं और एक विधायक के शामिल हो जाने के बाद सदन में भाजपा के 26 विधायक हो जाएंगे। माना जा रहा है कि बाबूलाल मरांडी को भाजपा सदन में नेता विपक्ष का दर्जा देगी। तभी अभी तक उसने विधायक दल के नेता को नियुक्त नहीं किया है। गौरतलब है कि मरांडी ने बागी विधायक दिलीप तिर्की को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, जबकि दूसरे विधायक को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है।

हालांकि दोनों विधायकों पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष को करना है।  एक शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले मरांडी राज्य में कभी भाजपा के दिग्गज नेता हुआ करते थे और वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री बने थे और भाजपा ने 15 नवंबर 2000 को उन्हें झारखंड का पहला मुख्यमंत्री नियुक्त किया था।

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