प्रवासी मजदूरों को मोहरा बना रही है दिल्ली सरकार,योगी सरकार ने लगाया आरोप

By Team MyNation  |  First Published Mar 28, 2020, 3:21 PM IST

यूपी सरकार का कहना है कि दिल्ली सरकार ने लोगों के पानी और बिजली के कनेक्शन काट दिए और दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन के बावजूद प्रवासी लोगों को दिल्ली में भोजन और दूध भी उपलब्ध नहीं कराया गया। दिल्ली से हजारों की संख्या प्रवासी मजदूर और कामगार दिल्ली यूपी बार्डर पर पहुंच रहे हैं ताकि वह अपने अपने घरों को पहुंच सके। लेकिन पूरे देश में लॉकडाउन है और यातायात सेवाएं ठप हैं। 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रवासियों मजदूरों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। दिल्ली सरकार प्रवासियों को दिल्ली से बाहर निकालने के लिए तरह तरह के अफवाह फैला रही है। जिसके कारण प्रवासी मजदूर और कामगार अपने अपने घरों के लिए जाने के लिए बार्डर पर आ रहे हैं।

यूपी सरकार का कहना है कि दिल्ली सरकार ने लोगों के पानी और बिजली के कनेक्शन काट दिए और दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन के बावजूद प्रवासी लोगों को दिल्ली में भोजन और दूध भी उपलब्ध नहीं कराया गया। दिल्ली से हजारों की संख्या प्रवासी मजदूर और कामगार दिल्ली यूपी बार्डर पर पहुंच रहे हैं ताकि वह अपने अपने घरों को पहुंच सके। लेकिन पूरे देश में लॉकडाउन है और यातायात सेवाएं ठप हैं। यूपी सरकार   का कहना है कि दिल्ली में घोषणाएं की गईं और अफवाहें फैलाई गईं कि यूपी की सीमा पर बसें हैं। जो अपने गंतव्य तक जाना चाहते हैं वह जा सकते हैं। जबकि लॉकडाउन होने के कारण बसें बंद हैं।

प्रदेश की योगी सरकार का कहना है कि दिल्ली सरकार इस संकट के समय सस्ती राजनीति कर रही है और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। प्रवासी मजदूरों और कामगारों को डीटीसी बसों ने मदद के नाम पर दिल्ली की सीमा पर लोगों को उतार दिया। असल में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अन्य राज्यों से आने वाले यूपी और बिहार के लोगों के लिए परिवहन की व्यवस्था करने के लिए रातभर जागते रहे हैं और जिला प्रशासन के अफसरों को आदेश देते रहे।

परिवहन विभाग के अधिकारियों, ड्राइवरों और कंडक्टरों को रात में घर से बुलाया गया और दिल्ली की सीमा पर फंसे लोगों को वापस लाने के लिए रात में 1,000 बसों की व्यवस्था की गई थी। नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ और हापुड़ से अपने गंतव्य तक लोगों को पहुंचाने के लिए 1,000 बसों की व्यवस्था की। वहीं लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन और आलमबाग बस स्टेशन पर राज्य के पुलिस अफसर लोगों की मदद के लिए समन्वय करते रहे।
 

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