जानें कौन हैं धीरज श्रीवास्तव, जो अब बनेंगे प्रियंका के ओएसडी

By Team MyNationFirst Published Feb 10, 2019, 1:40 PM IST
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राजस्थान के प्रशासनिक सेवा के अफसर 1994 बैच के अफसर धीरज श्रीवास्तव ने फिलहाल सरकारी सेवा से वीआरएस ले लिया। वह वर्तमान में राजीव गांधी फाउंडेशन में डेपुटेशन में थे। अब वह कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के ओएसडी के तौर पर कार्य करेंगे।

धीरज श्रीवास्तव अब कांग्रेस में दूसरे नंबर की ताकतवर नेता प्रिंयका गांधी के ओएसडी नियुक्त किए जा रहे हैं। श्रीवास्तव राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसर हैं और सोनिया गांधी और गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। वह अब प्रियंका के ओएसडी बनेंगे और उनको सलाह देंगे। श्रीवास्तव को पब्लिक पॉलिसी का एक्सपर्ट माना जाता है।

राजस्थान के प्रशासनिक सेवा के अफसर 1994 बैच के अफसर धीरज श्रीवास्तव ने फिलहाल सरकारी सेवा से वीआरएस ले लिया। वह वर्तमान में राजीव गांधी फाउंडेशन में डेपुटेशन में थे। अब वह कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के ओएसडी के तौर पर कार्य करेंगे। श्रीवास्तव इससे पहले सोनिया गांधी के ओएसडी, सीएम अशोक गहलोत के पहले कार्यकाल में ओएसडी रह चुके हैं। वह सेंट्रल डेपुटेशन में पीएमओ में भी रह चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने सोनिया गांधी की अगुवाई वाले नेशनल एडवाइजरी काउंसिल में भी कार्य किया है और कई तरह की नीतियों को बनाया है। जिन्हें यूपीए सरकार ने देश में लागू किया था।

श्रीवास्तव को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। केन्द्र में मोदी सरकार के बन जाने के बाद श्रीवास्तव राजीव गांधी फाउंडेशन में डेपुटेशन में आ गए थे। राज्य में कांग्रेस की सरकार बन जाने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि वह जयपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात किए जाएंगे। लेकिन गांधी परिवार के साथ करीबी होने के कारण सोनिया गांधी ने उन्हें प्रियंका गांधी के ओएसडी की जिम्मेदारी सौंपी। धीरज श्रीवास्तव के पास करीब 24 साल से ज्यादा का प्रशासनिक अनुभव है। वह राज्य में सिरोही, जालौर जोधपुर में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। उसके बाद 1999-2003 के दौरान वह मुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी के पद पर रह चुके हैं।

राज्य में रहने के बाद धीरज को प्रधानमंत्री कार्यालय में अहम जिम्मेदारी सौंपी गयी थी और उन्होंने सोनिया गांधी की अगुवाई वाले नेशनल एडवाइजरी काउंसिल में कार्य किया था और महिला और बच्चों के विकास के लिए कई तरह की योजनाओं को बनाया। सन् 2014 में कश्मीर में आयी खौफनाक बाढ़ के दौरान उनके नेतृत्व में कई राहत कार्य भी संचालित किए गए। वर्तमान में वह अपनी पीएचडी कर रहे हैं और वह पोस्टग्रेजुएशन में गोल्ड मेडलिस्ट हैं।

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