उत्तर प्रदेश सरकार ने आम लोगों की शिकायतों का निपटारा करने के लिए शानदार व्यवस्था की है। अब सुरक्षा, सेहत और राजस्व मामलों से जुड़ी शिकायतें सुनने के लिए 1076 हेल्पलाइन शुरु की गई है। जिसपर दर्ज की गई शिकायतों के निपटारे के आधार पर ही अधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा, जिसके आधार पर उनकी पदोन्नति संबंधित फैसले लिए जाएंगे।
लखनऊ: अब उत्तर प्रदेश में सुरक्षा, सेहत व राजस्व मामलों से जुड़ी शिकायतों को दर्ज कराने के लिए अब अलग-अलग नंबर नहीं मिलाने होंगे। सारी शिकायतें मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर दर्ज कराई जा सकती है। उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 जारी किया।
शिकायत निस्तारण के ग्राफ से तैयार होगा अधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड
शिकायतकर्ता, यूपी के किसी भी क्षेत्र से इस नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। इस हेल्पलाइन पर एक दिन में 80 हजार शिकायतें सुनी जा सकती हैं। शिकायतों के निस्तारण के लिए चार लेवल बनाए गए हैं। निस्तारण के ग्राफ से अफसरों का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। मुख्यमंत्री हर माह शिकायतों व उनके निस्तारण की स्थिति की समीक्षा करेंगे।
यह है हेल्पलाइन की खासियत
सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा ने बताया कि, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 में 500 सीट की क्षमता है, कॉल सेंटर को सभी आकस्मिक सेवाओं के साथ जैसे डायल 100, 102, 108 से जोड़ दिया गया है। कॉल सेंटर में सप्ताह के सात दिन और 24 घंटे शिकायतों को सुना जाएगा। एक दिन में 80,000 इनबाउंड कॉल्स तथा 55 हजार आउटबाउंड कॉल्स की क्षमता है।
एक हफ्ते में अफसरों को लेना होगा एक्शन
हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए संबंधित विभाग को ट्रांसफर किया जाएगा। एक सप्ताह के भीतर अफसरों को शिकायत पर एक्शन लेना होगा। निस्तारण की मैपिंग के लिए चार लेवल बनाए गए हैं। इसमें सबसे पहले लेवल पर पीड़ित के असन्तुष्ट होने पर दूसरे लेवल पर, फिर तीसरे लेवल पर और फिर चौथे प्रमुख सचिव स्तर पर मामलें का निस्तारण किया जाएगा। निस्तारण किस लेवल पर हुई है, उस अफसर को ग्रेडिंग मिलेगी।
सीएम खुद करेंगे निगरानी
शिकायत मिलने के बाद से निस्तारण तक शिकायतकर्ता से फीडबैक लिया जाएगा। शिकायत निस्तारण होने के बाद एक उच्च अधिकारी से फीडबैक लिया जाएगा। सीएम हेल्पलाइन से एक हजार सदस्यीय टीम जुड़ी है। इसकी निगरानी सीएम योगी आदित्यनाथ स्वयं करेंगे। परफार्मेंस के आधार पर ही अफसरों का प्रमोशन तय होगा।
इन शिकायतों का नहीं होगा निस्तारण
लेकिन हेल्पलाइन पर न्यायालय, अन्य राज्य सरकारों/केंद्र सरकार, शासकीय कर्मचारियों की सेवाओं, सूचना का अधिकार, अधिनियम आदि से सम्बंधित मामले की मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शामिल नहीं किए जाएंगे।