असल में राज्य में विधानसभा चुनाव महज दस महीने दूर हैं और राज्य की सत्ताधारी टीएमसी सरकार कई मुद्दों को लेकर घिरी हुई है। लिहाजा अपनी बात को जनता के बीच रखने के लिए कोई विकल्प नहीं है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना का कहर जारी है और राज्य के हालत कई अन्य राज्यों से ज्यादा खराब हैं और इन सब के बीच राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस 21 जुलाई कोअपनी पहली बड़ी डिजिटल रैली आयोजित करेगी। राज्य में भारतीय जनता पार्टी डिजिटल रैली आयोजित कर चुकी है और इसके बाद पार्टी का एक तबका इस बात को लेकर डर हुआ है कि पूर्व की रैलियों की तरह ये रैली सफल हो पाएगी।
असल में राज्य में विधानसभा चुनाव महज दस महीने दूर हैं और राज्य की सत्ताधारी टीएमसी सरकार कई मुद्दों को लेकर घिरी हुई है। लिहाजा अपनी बात को जनता के बीच रखने के लिए कोई विकल्प नहीं है। जबकि राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह रैली कर चुके हैं। अमित शाह ने अपने रैली में राज्य की सत्ताधारी ममता बनर्जी सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं भाजपा का दावा था कि इस रैली में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया।
फिलहाल वर्चुअल रैली के जरिए मुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रैलियों का आगाज कर दिया है। पिछले दिनों ही ममता बनर्जी ने पार्टी के जिलास्तर के पदाधिकारियों से डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए बातचीत की। लिहाजा टीएमसी एक नेता ने कहाकि पार्टी 21 जुलाई की डिजिटल रैली के लिए तैयार है। अगर राज्य में स्थितियां सामान्य होती तो पूर्व के वर्षों की तरह सामान्य रैली राज्य में आयोजित की जाती लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण राज्य में पार्टी डिजिटल रैली करने को मजबूर है।
हम इसके जरिए बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस डिजिटल रैली के माध्यम से राज्य के पांच करोड़ से अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की योजना बना रही है और इसके लिए रणनीति चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तैयार की है। ताकि राज्य की सीएम और पार्टी प्रमुख बनर्जी का भाषण और संदेश राज्य के हर ब्लॉक और गांव तक पहुंचे।