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दिग्गी राजा को लग सकता है एमपी में झटका, विरोधी हुए सक्रिय

Published : Jun 04, 2020, 11:29 AM IST
दिग्गी राजा को लग सकता है एमपी में झटका, विरोधी हुए सक्रिय

सार

विधानसभा में वर्तमान विधायकों के संख्याबल के आधार पर एक राज्यसभा प्रत्याशी के लिए 52 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। वहीं कांग्रेस के पास 92 विधायक हैं। इस आधार पर वह एक सदस्य को आसानी से राज्यसभा में पहुंचा सकती है। जबकि भाजपा के पास 107 सदस्य और उसे निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में 19 जून हो होने वाले राज्यसभा को लेकर कांग्रेस ऊहापोह में है। राज्य में एक गुट दिग्विजय सिंह के बजाए दूसरे प्रत्याशी को राज्य में भेजने के लिए केन्द्रीय  नेतृत्व पर दबाव बना रहा है। वहीं राज्य में संख्या बल को देखते हुए राज्य में एक ही प्रत्याशी राज्यसभा में जा सकता  है।  जबकि कांग्रेस ने दो प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। हालांकि पार्टी अभी तक ये तय नहीं कर पायी है कि प्राथमिकता सूची के आधार पर पहले किसे वरीयता दी जाए।

विधानसभा में वर्तमान विधायकों के संख्याबल के आधार पर एक राज्यसभा प्रत्याशी के लिए 52 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। वहीं कांग्रेस के पास 92 विधायक हैं। इस आधार पर वह एक सदस्य को आसानी से राज्यसभा में पहुंचा सकती है। जबकि भाजपा के पास 107 सदस्य और उसे निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। उइस आधार पर वह दो प्रत्याशियों को राज्यसभा में पहुंचाने में सफल होगी। लेकिन कांग्रेस के साथ मुश्किलें ये हैं कि संख्याबल न होने के बावजूद  उसने  मैदान में दो प्रत्याशियों को उतारा है। कांग्रेस ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और फूलसिंह बरैया को मैदान में खड़ा किया है।  जबकि उसके पास  दूसरे सदस्य के लिए जरूरी संख्या बल नहीं है।

वहीं कांग्रेस में दिग्विजय सिंह विरोध धड़ा चाहता है कि दिग्विजय सिंह के स्थान पर फूल सिंह बरैया को राज्यसभा में भेजा जाए। क्योंकि राज्य में होने वाले उपचुनाव को देखते हुए कांग्रेस को इससे फायदा हो सकता है। लिहाजा नेताओं ने एक बैठककर इसके लिए प्रस्ताव पारित कर पार्टी हाईकमान को भेजा है। इन नेताओं का कहना  है कि बरैया को राज्यसभा में भेजने से पार्टी ग्वालियर-चंबल में मजबूत होगी और विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी को इससे सीधेतौर पर फायदा होगा। क्योंकि उपचुनाव में 17 सीटें इसी क्षेत्र से हैं। वहीं आरक्षित वर्ग के मतदाताओं की संख्या इस क्षेत्र में ज्यादा है।

जो चुनाव के प्रभावित कर सकती है। वहीं पार्टी बरैया को राज्यसभा में भेजकर पार्टी दलित व आरक्षित वर्ग में अपनी पकड़ बना सकती है। फिलहाल राज्य में राज्यसभा की तीन सीटें  प्रभात झा, दिग्विजय सिंह और सत्यनारायण जटिया के कार्यकाल खत्म होने कारण खाली हो रही है। कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और दलित नेता फूल सिंह बरैया मैदान में हैं तो भाजपा ने हाल ही में पार्टी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया और डॉक्टर सुमेर सिंह सोलंकी प्रत्याशी बनाया है।
 

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