मुंबई में बृहन्नमुंबई महानगर पालिका यानी बीएमसी ने बिकिनी या लॉन्जरी के प्रदर्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। दुकानों में पुतलों के जरिए बिकिनी के विज्ञापन किए जा रहे थे, जिसपर एक पार्षद ने आपत्ति जताई थी। लेकिन यह आपत्ति खारिज कर दी गई।
मुंबई में कपड़ों की दुकानों पर पुतलों को बिकिनी या लॉन्जरी पहनाकर प्रदर्शित करना घाटकोपर की पार्षद रही रितु तावड़े को नागवार गुजरा था। उन्होंने इसके खिलाफ छह साल पहले बीएमसी में अपील की थी। जिसमें उन्होंनें कपड़े की दुकानों पर ऐसे पुतलों पर बैन लगाने की मांग की थी, जिनको लॉन्जरी या बिकीनी पहनाई गई हो।
इसपर बीएमसी ने अब जाकर फैसला सुनाया है। जिसमें कहा गया है कि मुंबई जैसे अंतरराष्ट्रीय शहर में पुतलों को लॉन्जरी पहनाकर डिस्प्ले पर लगाने में कोई अभद्रता नहीं है। मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऐक्ट 1888 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत इसपर कोई कार्रवाई की जा सके।
हालांकि बीएसपी के इस जवाब पर आगामी बैठक में चर्चा होगी।
बिकिनी के विरोध में उतरी रितु तावड़े का तर्क था कि दुकानों पर लगे ऐसे डिस्प्ले महिलाओं के शरीर को सिर्फ विज्ञापन के तौर पर पेश करते हैं और अनावश्यक रूप से पुरुषों का ध्यानाकर्षण करते हैं।
उनकी इस मांग का समर्थन कांग्रेस पार्षद टुलिप मिरांडा ने भी किया था।
लेकिन इस मसले पर कोई भी कदम उठाने से इनकार करते हुए बीएमसी ने कानून का हवाला देते हुए कहा कि 'बीएमसपी ने राज्य सरकार को नौ पत्र भेजे हैं। निगम कानून समिति में इस मुद्दे पर कई बार चर्चा की गई है। हमने उन्हें (पार्षद को) जवाब भेजा है कि इन्डेसेंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ वुमन (प्रोहिबिशन) ऐक्ट 1986 के तहत मुंबई जैसे शहर में जहां स्विमिंग कॉन्टेस्ट और ब्यूटी पैजेंट जैसे कॉम्पिटीशन कराए जाते हैं, वहां ऐसी चीज को अभद्रता नहीं माना जा सकता है।'