कम नहीं हो रही हैं गहलोत और पायलट गुट के बीच दूरियां, माकन कर रहे सीएम गुट को सपोर्ट

By Team MyNation  |  First Published Sep 10, 2020, 6:51 PM IST

फिलहाल अजमेर में पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने नेताओं के साथ बैठक की।  माकन राज्य में कांग्रेस के नेताओं की शिकायत को सुनने गए थे। लेकिन उनके साथ गहलोत गुट के नेता मौजूद थे। जिसके बाद पायलट समर्थक नारेबाजी की। 

जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के भीतर कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। कांग्रेस में बागी बन चुके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट हालांकि पार्टी में वापस लौट चुके हैं। लेकिन राज्य के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच दूरियां कम नहीं रही हैं। वहीं राज्य के प्रभारी अजय माकन पर आरोप है कि वह गहलोत गुट के नेताओं को समर्थन दे रहे हैं और पायलट के करीबी नेताओं को दरकिनार कर रहे हैं।

फिलहाल अजमेर में पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने नेताओं के साथ बैठक की।  माकन राज्य में कांग्रेस के नेताओं की शिकायत को सुनने गए थे। लेकिन उनके साथ गहलोत गुट के नेता मौजूद थे। जिसके बाद पायलट समर्थक नारेबाजी की। जाहिर है कि दोनों गुटों के बीच अभी दूरी कम नहीं हुई है। जानकारी के मुताबिक अजमेर में माकन के साथ गहलोत गुट के नेताओं को देखकर पायलट समर्थक नारेबाजी करने लगे और पोस्टर फाड़ दिया। इसके बाद पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा और विरोध कर रहे पायलट गुट के नेताओं पर हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।

बताया जा रहा है कि पायलट गुट के मसूदा से विधायक राकेश पारीक की अगुआई में माकन और सीएम गहलोत के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किया। पायलट गुट के नेताओं ने स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और माकन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इसके विरोध में पायलट समर्थक धरने पर बैठ गए।  बताया जा रहा है कि माकन के साथ प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटसरा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा मौजूद थे। रघु शर्मा कभी पायलट के करीबी माने जाते थे लेकिन बाद में उन्होंने पायलट गुट को छोड़कर गहलोत गुट का दामन थामा था।

इसको लेकर पायलट गुट पहले से ही रघु शर्मा को लेकर खफा था।  वहीं मंच पर गहलोत गुट के नेताओं के साथ माकन को देख पायलट गुट के नेता बिफर गए। असल में पार्टी में वापस लौटने के बाद सचिन पायलट पार्टी में अलग थलक पड़ गए हैं। हालांकि उन्होंने पिछले दिनों राज्य सरकार और अपने विरोधी अशोक गहलोत को अपनी ताकत का एहसास कराया था। लेकिन पार्टी में वापसी के बाद पायलट के हाथ में कुछ नहीं है और वह जनसंपर्क कर खुद को स्थापित करने में लगे हैं।
 

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