लादेन को खोजने वाले डॉग अब करेंगे दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा

By Team MyNationFirst Published Jul 19, 2019, 1:39 PM IST
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असल में पिछले कुछ सालों से मेट्रो को भी अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत होने लगी है। फिलहाल सीआईएसएफ के जवान दिल्ली मेट्रो स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था देखते हैं। लेकिन इस डॉग के मिल जाने से सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी। क्योंकि इस प्रजाति के डॉग से दुश्मनों का बचना मुश्किल होता है। क्योंकि इनकी सुंघने में शक्ति काफी होती है। नेवी सील ने बेल्जियम की प्रजाति बेल्जियन मेलिनॉयस के कुत्तों का इस्तेमाल 'ऑपरेशन नैप्च्यून स्पीयर' में किया था।

कुछ साल पहले अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को खोजने वाले अमेरिकी नेवी सील टीम के साथ मौजूद डॉग की प्रजाति अब दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा करेंगी। सीआरपीएफ को ये खोजी डॉग्स मिलने के बाद दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी। 'खोज' नाम का प्रजाति का डॉग केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के साथ मेट्रो की सुरक्षा संभालेगा। फिलहाल इसकी बेंगलुरू में ट्रेनिंग चल रही है।

असल में पिछले कुछ सालों से मेट्रो को भी अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत होने लगी है। फिलहाल सीआईएसएफ के जवान दिल्ली मेट्रो स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था देखते हैं। लेकिन इस डॉग के मिल जाने से सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी। क्योंकि इस प्रजाति के डॉग से दुश्मनों का बचना मुश्किल होता है।

क्योंकि इनकी सुंघने में शक्ति काफी होती है। नेवी सील ने बेल्जियम की प्रजाति बेल्जियन मेलिनॉयस के कुत्तों का इस्तेमाल 'ऑपरेशन नैप्च्यून स्पीयर' में किया था। इन डॉग की खूबियों को देखते हुए इनका प्रयोग सुरक्षा में किया जाता है। गौरतलब है कि जब पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था उस वक्त अमेरिकी नेवी सील के साथ डॉग का एक समूह भी था। जो इस प्रजाति डॉग थे।

इस ऑपरेशन की सफलता के बाद बेल्जियन मेलिनॉयस प्रजाति को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां मिली थीं। फिलहाल जानकारी के मुताबिक 200 डॉग बेंगलुरु के सीआईएसएफ डॉग सेंटर में ले रहे हैं और इनकी दस महीने की ट्रेनिंग होती है।

इस ट्रेनिंग में 'खोज' जिसे इस प्रजाति का नाम दिया है, उसका प्रशिक्षण चल रहा है और इसके लिए करीबी एक लाख रुपए खर्च आएगा। सीआईएसएफ के मुताबिक 'खोज' विस्फोटकों से लैस फिदायीन हमलावरों की पहचान करने में सक्षम है।

फिलहाल इस डॉग के प्रशिक्षण पर आने वाला खर्च दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन वहन करेगा। डॉग के प्रशिक्षण के तहत उन्हें धमाकों की आवाज से परिचित कराया जाता है। इनकी ट्रेनिंग इतनी जबरदस्त होती है कि एक प्रशिक्षित डॉग बम और गोली के धमाके में आसानी से फर्क कर सकता है। 

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