फिलहाल नेपाल जारी राजनीतिक घमासान को शांत करवाने की चीन की कोशिशें विफल होती दिख कर ही हैं। बीजिंग के इशारे पर चीनी राजदूत हाउ यांकी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ बैठकें कर रही हैं।
नई दिल्ली। नेपाल में चल रहे सियासी गतिरोध के बीच सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने फिर एक बार प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को कठघरे में खड़ा किया है। दहल ने कहा कि पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की जा रही हैं और कोरोना वायरस महामारी तथा प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ पार्टी की लड़ाई को सत्ता में बैठ लोग नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे साफ है कि दहल के निशाने पर देश के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली हैं। वहीं नेपाल में सरकार बचाने की चीन की कोशिशें भी विफल होती दिख रही हैं और ओली को चीन परस्त बताया जा रहा है।
फिलहाल नेपाल जारी राजनीतिक घमासान को शांत करवाने की चीन की कोशिशें विफल होती दिख कर ही हैं। बीजिंग के इशारे पर चीनी राजदूत हाउ यांकी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ बैठकें कर रही हैं। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि ओली के कहने पर ही यांकी ने दहल के साथ बैठक की और उन्हें मनाने की कोशिश की। लेकिन अब तक इसका कोई लाभ होता दिखाई नहीं दे रहा है। प्रचंड ने एक बार फिर पीएम ओली पर फिर इशारों में निशाना साधा है। उन्होंने बगैर पीएम ओली का नाम लेते हुए कहा कि पार्टी की एकता को कमजोर करने की कोशिशें की जा रही है और लोग अपनी व्यक्तिगत हितों को सर्वोपरि रख रहे हैं। जबकि देश में कोरोना का कहर है और बाढ़ के कारण स्थिति खराब है।
फिलहाल सरकार बचाने को चीन की राजदूत हाओ यांकी ने राष्ट्रपति बिद्या भंडारी, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैंन पुष्प कमल दहल, वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल, झालानाथ खनल से भी मुलाकात कर चुकी है। असल में चीन को लग रहा है कि अगर ओली सरकार चली जाएगी तो वह भारत के खिलाफ साजिश नहीं कर सकेगा। क्योंकि ये अब तय हो गया है कि नेपाल के पीएम ओली ने संसद में जो नक्शा संसोधित पेश किया । उसमें चीन की अहम भूमिका रही और ओली पिछले एक साल से भारत के खिलाफ नेपाल में माहौल बना रहे हैं और भारत के खिलाफ तरह तरह के बयान दे रहे हैं। वहीं अभी तक पुष्प कमल दहल प्रचंड, झालानाथ खनल समेत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के 44 में से 30 सदस्यों ने पीएम ओली से पीएम के पद को छोड़ने को कहा। लेकिन ओली अपनी सरकार बचाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं और उन्होंने अभी तक अपना इस्तीफा नहीं दिया है।
भारत पर आरोप लगाकर खुद को पीड़ित बताने की साजिश कर रहे ओली
नेपाल में मचे सियासी घमासान के बीच पीएम ओली खुद को बचाने के लिए भारत पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं नेपाल में जनता अब इस बात को समझ गई है कि भारत विरोध जो भी फैसले ओली ने लिए हैं। उसके पीछे चीन है। वहीं पिछले दिनों ओली ने भारत के ऊपर अपनी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। हालांकि नेपाली खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएम ओली चीनी राजदूत हाओ यांकी और बीजिंग के इशारे पर भारत विरोधी कदम उठा रहे हैं। बताया जा रहा कि नेपाल में पीएम कार्यालय में चीनी राजदूत का आना जाना है।