ड्रैगन को लगने वाला है झटका, खत्म होगी मोनोपॉली

By Team MyNationFirst Published Aug 18, 2020, 11:33 AM IST
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फिलहाल इसे चीने के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि बड़ी संख्या में कंपनियां अब चीन से दूसरे देशों में अपने प्लाटं को स्थापित कर रही हैं।   ऐसे में  माना जा रहा है कि चीन में कारोबार करने वाली कंपनियों को लुभाने की भारत की रणनीति काम कर रही है। 

नई दिल्ली। भारत के खिलाफ लगातार साजिश कर रहे चीन को एक बड़ा झटका लगा है। चीन को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा बनाई गई रणनीति काम करने लगी है। अभी तक  भारत सरकार ने चीन को झटका देने के लिए कई कदम उठाए हैं और इसका असर देखने को मिल रहा है। अब  जानकारी सामने आ रही हैं उसके मुताबिक करीब 24  स्मार्टफोन कंपनियां अब भारत में बड़े प्लांट लगाएंगी। ये कंपनियां चीन को छोड़कर भारत में अपना प्रोडक्शन यूनिट स्थापित करेंगी।

फिलहाल इसे चीने के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि बड़ी संख्या में कंपनियां अब चीन से दूसरे देशों में अपने प्लाटं को स्थापित कर रही हैं।   ऐसे में  माना जा रहा है कि चीन में कारोबार करने वाली कंपनियों को लुभाने की भारत की रणनीति काम कर रही है। वहीं सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर एपल तक के लिए उपकरण बनाने वाली कंपनियां भारत में निवेश करने की इच्छा जता चुके हैं। असल में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है और अब तक देश में 300 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लग चुकी हैं। वहीं केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में ही इलेक्टॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र के लिए कुछ रियायतों की घोषणा की थी।

जिसके बाद करीब 24 कंपनियों ने भारत में मोबाइल फोन की फैक्ट्रियां स्थापित करने की इच्छा जताई है। उधर आईटी मिनिस्ट्री का कहना है कि अभी तक चीन में कारोबार कर रही  24 कंपनियां भारत में 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश कर सकती है। इन कंपनियों में सैमसंग के अलावा फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन, पेगाट्रॉन जैसी मोबाइल बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं। वहीं चीन और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव के कारण भारत ही नहीं बल्कि वियतनाम को भी फायदा मिल रहा है। चीन ने अलविदा कहने वाली कंपनियां कम्बोडिया, म्यांमार, बांग्लादेश और थाईलैंड जैसे देशों में निवेश कर रही हैं। 

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