हालांकि अभी तक अब्कैक और खुरैस तेल संयंत्रों में ड्रोन हमलों को लेकर किसी ने अभी तक जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन अमेरिका और ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच इस हमले को अहम माना जा रहा है। असल में सऊदी अरब को अमेरिका का दोस्त माना जाता था और ईरान और सऊदी अरब में आतंकी हमलों को लेकर दोनों देश एक दूसरे को दोष देते रहते हैं।
नई दिल्ली। क्या अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ रहा तनाव किसी युद्ध की तरफ ले जा रहा है। आज तड़के सऊदी अरब की दो कंपनियों के संयंत्रों में ड्रोन हमले हुए हैं। जिसके कारण दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनियों के आपूर्ति करने वाले केंद्र में भयंकर आग लग गई। हालांकि ये माना जा रहा है कि अमेरिका और ईरान के बीच चल रहे तनाव के कारण ये हमला हुआ है। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि यमन के हूती विद्रोहियों ने ये हमले किए हैं। जिस कंपनी में ड्रोन हमले किए गए हैं उमसें अरामको भी शामिल है जो भारत में जल्द ही निवेश करने वाली है।
हालांकि अभी तक अब्कैक और खुरैस तेल संयंत्रों में ड्रोन हमलों को लेकर किसी ने अभी तक जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन अमेरिका और ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच इस हमले को अहम माना जा रहा है। असल में सऊदी अरब को अमेरिका का दोस्त माना जाता था और ईरान और सऊदी अरब में आतंकी हमलों को लेकर दोनों देश एक दूसरे को दोष देते रहते हैं।
ये भी माना जा रहा है कि यमन के हूती विद्रोही संगठनों ने सऊदी अरब में ड्रोन हमले किए हैं। क्योंकि वह हमले करते रहते हैं। पिछले दिनों ईरान ने ब्रिटेन के दो तेल टैंकरों को जब्त कर लिया था। ईरान ने ये कार्यवाही ब्रिटेन के अमेरिका के साथ दोस्ती के कारण किया था।
इस हमले के बाद परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। हालांकि अभी तक किसी व्यक्ति के मरने की खबर नहीं है। सऊदी प्रेस एजेंसी ने गृह मंत्रालय के एक बयान के बाद बताया है कि ड्रोन हमलों के बाद इलाके में आग लगी।
गौरतलब है कि जिस कंपनी में आग लगी है वह सऊदी अरामको कंपनी है। जो रिलायंस के साथ भारत में कारोबार शुरू करने वाली है और ये दुनिया में कच्चे तेल की सबसे बड़ी कंपनी है। जिसको सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है।