पंजाब के खरड़ में हुई ड्रग्स ऑफिसर नेहा शॉरी की हत्या ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। उनका कसूर मात्र इतना था कि उन्होंने कानून का पालन कराने की कोशिश की थी, जो कि एक कानून तोड़ने वाले गुनहगार को पसंद नहीं आई। बाद में पकड़े जाने पर हत्यारे ने आत्महत्या भी कर ली।
खरड़/ पंजाब: जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पद पर तैनात नेहा शॉरी की हत्या तब हुई जब वह शुक्रवार की सुबह पंजाब के खरड़ स्थित अपने दफ्तर में मौजूद थीं। तभी आरोपी बलविंदर सिंह ने सुबह 11 बजकर 40 मिनट में उनके कार्यालय में घुसकर। 32 बोर लाइसेंसी रिवॉल्वर से तीन गोलियां मारकर उनकी हत्या कर दी।
बलविंदर बैग में रिवॉल्वर लेकर आया था। बताया जा रहा है कि घटना के समय कार्यालय में मात्र एक ही सिक्यॉरिटी गार्ड तैनात था और वह भी इतना लापरवाह था कि हत्यारे बलविंदर को देख ही नहीं पाया।
नेहा शॉरी की हत्या की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई है। नेहा पर जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त वह अपनी 3 साल की भतीजी से बातें कर रही थीं। हमलावर ने बच्ची के सामने ही नेहा पर तीन गोलियां दागीं। एक गोली उनके सीने पर, दूसरी चेहरे पर और तीसरी कंधे पर लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
नेहा से बलविंदर की दुश्मनी 10 साल पुरानी थी। दरअसल 2009 में ड्रग इंस्पेक्टर के पद पर रहने के दौरान नेहा ने आरोपी की ‘दवा की दुकान’ का लाइसेंस कैंसल किया था। जिसके बाद से ही वह नेहा के खिलाफ अपने जहन में नफरत भरता चला गया औऱ आखिरकार उसकी हत्या ही कर दी।
नेहा ने 2009 में बलिंदर की दवा की दुकान पर छापा मारा था। उस दौरान दुकान में कथित रूप से नशीली दवाएं बरामद की गई थी। जिसके बाद नेहा ने दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया था।