ड्रग्स के पैसे के बंटवारे को लेकर हुई हैप्पी पीएचडी की हत्या

By Team MyNation  |  First Published Feb 3, 2020, 1:49 PM IST

पिछले हफ्ते ही पीएचडी की हत्या लाहौर में कर दी गई। एजेंसियों का कहना है कि हत्या के पीछे ड्रग, पैसा तीन समूहों के बीच में रंजिश होना है। क्योंकि  खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के रंजीत सिंह नीता, और खालिस्तान कमांडो फोर्स के परमजीत सिंह पंजवार के नेतृत्व और हरमीत सिंह के बीच में रंजीश चल रही थी। जिसके फलस्वरूप हैप्पी की हत्या कर दी गई है।

नई दिल्ली। पिछले दिनों पाकिस्तान के लाहौप में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के नेता हरमीत सिंह  उर्फ हैप्पी पीएचड की हत्या की बड़ी वजह ड्रग्स का पैसा बताया जा रहा है। जिसके बंटवारे को लेकर हैप्पी की हत्या हुई। खुफिया एजेंसियों को जो जानकारी मिली है। उसके मुताबिक ड्रग्स के पैसे का बंटवारा है और इस पैसे से पंजाब में आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाता है।

पिछले हफ्ते ही पीएचडी की हत्या लाहौर में कर दी गई। एजेंसियों का कहना है कि हत्या के पीछे ड्रग, पैसा तीन समूहों के बीच में रंजिश होना है। क्योंकि  खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के रंजीत सिंह नीता, और खालिस्तान कमांडो फोर्स के परमजीत सिंह पंजवार के नेतृत्व और हरमीत सिंह के बीच में रंजीश चल रही थी। जिसके फलस्वरूप हैप्पी की हत्या कर दी गई है। पाकिस्तान में स्थित खालिस्तानी समूहों के बीच रंजिश और ड्रग्स के पैसे का बंटवारा ही बड़ा कारण है।

खुफिया एजेंसियों को को हरमीत सिंह की तलाश थी। हैप्पी की 17 मामलों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पंजाब पुलिस सहित विभिन्न भारतीय एजेंसियों को तलाश  थी। सीबीआई 2016 से उसका पीछा कर रही थी जबकि एनआईए सात मामलों की जांच कर रही थी। पिछले सप्ताह ही अमृतसर के सुल्तानविंड गांव में अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो हजार करोड़ की हेरोइन जब्त हुई है। पंजाब की स्पेशल टास्क फोर्स ने तस्करी में एक अफगान नागरिक सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस अफसरों का कहना है कि पंजाब हेरोइन की खपत के लिए एक बड़ा बाजार बन गया है। गौरतलब है कि हैप्पी की पाकिस्तान के लाहौर में हत्या कर दी गई थी। असल में हैप्पी पंजाब में संघ के नेताओ की हत्या में शामिल था।  जिसकी मदद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसिया कर रही थी। इन हत्याओं के बाद हैप्पी पाकिस्तान चला गया था वहां पर ड्रग्स और हथियारों की तस्करी कर रहा था।

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