घाटी में दिखा शाह का खौफ, तीन दशक बाद इतिहास बना गृहमंत्री का दौरा

By Team MyNation  |  First Published Jun 27, 2019, 1:16 PM IST

अमित शाह के दो दिवसीय दौरे के दौरान कश्मीर छावनी में तब्दील कर दिया था। तीन दशकों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब केन्द्रीय गृहमंत्री  के दौरे के दौरान अलगाववादियों ने घाटी में बंद नहीं किया, न ही कोई हिंसा हुई और न ही राज्य के राजनैतिक दलों ने उनका विरोध किया।

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर जम्मू –कश्मीर के दौरे पर हैं। गृहमंत्री बनने के बाद शाह का ये पहला घाटी दौरा है। उनका ये पहला दौरा आज स्वयं में इतिहास में दर्ज हो गया। आमतौर पर गृहमंत्री या केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के घाटी दौरे के दौरान बंद रहने वाली कश्मीर घाटी तीन दशकों में पहली बार बंद नहीं हुई। ये अमित शाह का ही खौफ है कि अलगाववादी नेता उनके घाटी के दौरे का विरोध न करने की हिम्मत जुटा पाए।

अमित शाह अपने कड़क मिजाज के लिए जाने जाते हैं। राजनीति है या फिर प्रशासनिक फैसले। शाह फैसला लेने के बाद उस पर नहीं सोचते हैं। लिहाजा इस बार कश्मीर के दौरे के दौरान उन्होंने राज्य के अलगाववादी गुटों को बातचीत से दूर रखा। इस बार वह केवल सुरक्षा बलों के अफसरों में मिले। यही नहीं आज सुबह उन्होंने एसएचओ अरशद खान के घर में जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की।

इसके जरिए उन्होंने हुर्रियत और अलगाववादी नेताओं को एक संदेश दिया कि वह आतंकवाद को समर्थन देने वालों से बातचीत नहीं करेंगे बल्कि देश के लिए शहीद होने वाले सैनिक और सुरक्षा बलों के परिवार के साथ खड़े रहेंगे। अमित शाह के दो दिवसीय दौरे के दौरान कश्मीर छावनी में तब्दील कर दिया था। तीन दशकों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब केन्द्रीय गृहमंत्री  के दौरे के दौरान अलगाववादियों ने घाटी में बंद नहीं किया, न ही कोई हिंसा हुई और न ही राज्य के राजनैतिक दलों ने उनका विरोध किया।

जबकि फरवरी में पीएम नरेंद्र मोदी के घाटी दौरे के दौरान अलगाववादियों ने घाटी को पूरी तरह से बंद करवाया था। जबकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर दौरे के दौरान घाटी में बंद किया गया था। लेकिन इस बार अलगाववादी ने खामोश रहे। आमतौर पर राज्य के राजनैतिक दल भी अलगाववादी नेताओं के साथ सुर मिलाते हैं और उनके बंद के लिए मूक सहमति देते हैं। हालांकि शाह आज राज्य के पार्टी नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और पंचायत सदस्यों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह अमरनाथ जी के दर्शन करेंगे।

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