प्रवर्तन निदेशालय ने काला धन रखने और धनशोधन के एक नये मामले के सिलसिले में अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर मामले के आरोपी गौतम खेतान को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शुक्रवार की रात खेतान को गिरफ्तार किया।
काले धन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार एडवोकेट गौतम खेतान को पटियाला हाउस कोर्ट के ड्यूटी मजिस्ट्रेट नीतू शर्मा ने 2 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने 7 दिन की रिमांड मांगा था। ईडी ने कहा कि गौतम खेतान ने 5200 करोड़ रुपये काले धन की जानकारी मिली है, और यह आगे तक जा सकती है।
ये पैसे विभिन्न खातों में ट्रांसफर किये है, जिसकी जानकारी आयकर विभाग को नही दी है। इसका पता लगाना है। मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामले में खेतान शामिल है। आरोप काफी गंभीर है।
वहीं खेतान के वकील प्रमोद दुबे ने कहा कि ऐजेंसी ने गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। आयकर विभाग घर से गई और ईडी पहुंच गई।
रात 11 बजे से सुबह 7 बजे तक लगातार पूछताछ की गई। खेतान को सोने तक नही दिए।
वकील का कहना था कि जो गिरफ्तारी मेमो दिया गया उसमे अगस्ता वेस्टलैंड का जिक्र है। जबकि ईडी के वकील कह रहे है खेतान की गिरफ्तारी फ्रेश मामले में की गई है।
वकील का यह भी कहना था कि स्पेशल कोर्ट अगस्ता वेस्टलैंड मामले में टिप्पणी कर चुका है कि आरोपों से संबंधित दस्तावेज एजेंसी के पास नही है। खेतान के वकील ने ईडी पर दस्तावेज में फर्जीवाड़ा का भी आरोप लगाया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने कालेधन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है। खेतान अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भी आरोपी है।
बता दें कि पिछले महीने आयकर विभाग ने दिल्ली में खेतान के ठिकानों पर छापे की करवाई भी की थी।
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग का दावा है कि खेतान को अगस्ता वेस्टलैंड डील के अलावा यूपीए के खेतान को अगस्ता वेस्टलैंड डील के अलावा यूपीए के कार्यकाल में हुए अन्य रक्षा सौदों में भी रिश्वत मिली थी। विभाग के पास इस बात के सबूत है। प्रवर्तन निदेशालय ने फर्जी इनवॉइस के जरिए यह रकम अवैध रूप से खेतान तक पहुचाई गई थी। इसके लिए खेतान के स्टाफ के लोगों को भी शामिल किया गया था।
ईडी को मॉरीशस, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड से प्राप्त दस्तावेजों से यह जानकारी मिली थी। ईडी इस बात का पता लगा रहा है कि उसे यह पैसा कैसे और क्यों मिला।
खेतान के खिलाफ वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आरोप पत्र तैयार किया गया है।
गौरतलब है कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सिंतबर 2014 में खेतान की गिरफ्तारी हुई थी। जनवरी 2015 में उसे जमानत मिल गई थी। इसके बाद दिसंबर 2016 में फिर गिरफ्तारी हुई थी। सीबीआई और ईडी ने दावा किया है कि इन गवाहों ने खेतान की संपत्तियों के साथ छेड़छाड़ करने और इस्तेमाल करने वाली कंपनियों के बारे में बताया था।
उन्होंने खेतान के विदेशी व्यापार सहयोगियों के विवरण प्रदान किया जो आय को बढ़ाने में सहायता कर रहे है। पिछले साल दिसंबर में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई ने पटियाला हाउस कोर्ट में रिश्वत मामलों को लेकर आरोप पत्र दाखिल किए थे।
आरोपपत्र में सीबीआई ने 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे मामले में कथित रूप से शामिल चार भारतीयों के रूप में वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस. पी त्यागी, उनके संबंधी संजीव त्यागी उर्फ जुली, तत्कालीन वायुसेना उप प्रमुख जे.एस गुजराल और अधिवक्ता गौतम खेतान के नाम दर्ज किए। आरोपपत्र में दर्ज अन्य आरोपियों में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल, गुइडो हैश्के और कार्लो गेरोसा के अलावा फिनमेकैनिका के पूर्व सीईओ ग्यूसेप ओर्सी और अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पैगनोलिनी शामिल है।
ज्ञात हो कि मिशेल को चार दिसंबर को संयुक्त अरब अमीरात से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। सीबीआई और ईडी द्वारा वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में तीन बिचौलिए की जांच की जा रही है, जिनमें मिशेल भी शामिल है। ईडी और सीबीआई दोनों ने रिश्वत मामले में भारत की अदालतों में आरोपपत्र दाखिल किए थे और आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे।