उत्तर-प्रदेश में हुए खनन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की आज हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सहित कई जगहों पर छापेमारी हो रही है। ईडी के अधिकारी रिवर फ्रंट घोटाला मामले में छापेमारी कर रहे हैं।
उधर इस मामले में आरोपी नंबर वन महिला आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला जांच मे सहयोग नहीं कर रही हैं। उन्हें ईडी की टीम ने आज लखनऊ के ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन चंद्रकला वहां नहीं पहुंचीं।
ईडी की टीम से खनन पट्टे के आवंटन मामले में उनसे पूछताछ करना चाहती थी।
लेकिन ईडी के अधिकारी इस मामले की परतें खोलने के लिए इंजीनियरिंग और सिंचाई विभाग के कई अधिकारियों के खिलाफ भी छापेमारी कर रहे है।
यहां तक नोएडा के सेक्टर 62 में भी प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी चल रही है।
इस मामले में आईएएस बी चंद्रकला पर पहले ही सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने शिकंजा कस दिया है। इस मामले में अब तक सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने तीन-तीन एफआईआर दर्ज कर चुकी है।
ईडी ने जो दो नई एफआईआर दर्ज की है वे कौशांबी और शामली मामले में दर्ज किया है।
हमीरपुर की पूर्व जिला मजिस्ट्रेट बी चंद्रकला तथा अन्य को प्रवर्तन निदेशालय ने समन जारी किया था।
समाजवादी पार्टी से एमएलसी रमेश मिश्रा भी इस मामले में आरोपी है। जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस भेजकर 28 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है।
ईडी यह जांच यूपी के हमीरपुर वाले मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक ही जांच कर रही है।
कहा जा रहा है कि 2012 से जुलाई 2013 तक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी खनन मंत्री रहे हैं। ऐसे में उनकी भूमिका की भी जांच होगी।
ज्ञात हो कि सीबीआई ने इस मामले में आईपीसी की धारा 379, 384, 420, 511, 120 B और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत संबंधितो पर केस दर्ज हुआ है। 2012 से 2016 के बीच मे बालू की माइनिंग अवैध तरीके से की गई थी।
गौरतलब है कि 31 मई 2012 को यूपी सरकार की ओर से एक आदेश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था, जो भी माइनिंग होगी, वह ई-टेंडर से होगी।
हमीरपुर में अवैध खनन के मामले में दो जनवरी को प्राथमिकी में सीबीआई ने बी चंद्रकला को आरोपी नंबर वन बनाया है। हमीरपुर में डीएम रहते हुए बी चंद्रकला ने अवैध तरीके से खनन के पट्टे आवंटित किए। छापेमारी के दौरान उनके घर से कई दस्तावेज बरामद किए गए थे।