मुख्य चुनाव आयुक्त को सिर्फ हटाने की तय संवैधानिक प्रक्रिया है। लेकिन दोनों चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कोई शिकायत मिलने और सही पाए जाने पर उन्हें केवल राष्ट्रपति की अधिसूचना से ही हटाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का मामला पांच जजों की संविधान पीठ के हवाले कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और उन्हें हटाने की प्रक्रिया में बदलाव करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि आयोग को नियम बनाने यानी रूल मेकिंग पावर सहित अधिक अधिकार दिए जाएं।
फिलहाल मुख्य चुनाव आयुक्त को सिर्फ हटाने की तय संवैधानिक प्रक्रिया है। लेकिन दोनों चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कोई शिकायत मिलने और सही पाए जाने पर उन्हें केवल राष्ट्रपति की अधिसूचना से ही हटाया जा सकता है।
दरअसल, चुनाव आयोग में नियुक्ति और हटाने की प्रक्रिया जब तय हुई थी, तब एक ही आयुक्त होता था वह ही मुख्य चुनाव आयुक्त था। अब आयोग तीन सदस्यीय हो गया है पर बाकी सदस्यों के लिए नियुक्ति और हटाने की प्रक्रिया उसी तरह से चली आ रही है।