सिर पर चुनाव अभी तक महागठबंधन में नहीं हो सका है सीटों का बंटवारा

By Team MyNation  |  First Published Sep 23, 2020, 7:06 AM IST

हालांकि ये बात साफ है कि राज्य में कांग्रेस महागठबंधन के तहत की चुनाव लड़ेगी। राज्य में महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, रालोसपा और मुकेश सहानी की वीवीआईपी भी है। वहीं राज्य में सीटों का बंटवारा न होने के कारण बिहार के कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई दिग्गज राजधानी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं।

नई दिल्ली। राज्य में चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है। लेकिन सीट बंटवारे पर महागठबंधन में रस्साकशी जारी।  अभी तक महागठबंधन में सीटों को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। महागठबंध का सबसे बड़ा दल राजद चाहता है कि महागठबंधन के सभी सियासी दल  तेजस्वी यादव को सीएम के चेहरे की तरफ प्रोजेक्ट करें।  जबकि कांग्रेस समेत सभी दल इसके पक्ष में नहीं हैं। जबकि  राजद पहले ही तेजस्वी को सीएम के चेहरे के लिए प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।  लिहाजा सीटों का बंटवारा न होने के कारण राज्य के  कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली में डाला डेरा हुआ है।

हालांकि ये बात साफ है कि राज्य में कांग्रेस महागठबंधन के तहत की चुनाव लड़ेगी। राज्य में महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, रालोसपा और मुकेश सहानी की वीवीआईपी भी है। वहीं राज्य में सीटों का बंटवारा न होने के कारण बिहार के कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई दिग्गज राजधानी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। वहीं विपक्षी दलों के महागठबंधन सीटों के बंटवारे को लेकर रस्साकशी जारी है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के जिलावार पर्यवेक्षकों की भेजी संभावित उम्मीदवारों की सूची में से चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम तय किए जा रहे हैं। यह सूची पार्टी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल द्वारा दोनों सचिव अजय कपूर और वीरेंद्र सिंह राठौर के जरिए स्क्रीनिंग कमिटी के माध्यम से आलाकमान को सौंपी जाएगी।

हालांकि चुनाव अभियान समिति के प्रमुख अखिलेश सिंह और वरिष्ठ नेता तारिक अनवर पहले से ही दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। कांग्रेस राज्य में पिछले चुनाव की तुलना में इस बार चुनाव में ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती है। वहीं महागठबंधन से पिछले दिनों जीतन राम  मांझी भी  चले गए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हिस्से 41 सीटें आई थीं। वहीं बताया जा रहा है कि वामपंथी दलों की राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ बैठक हुई है और वामदलों को आठ से 10 सीटें देने की बात कही गई है। इस बात को लेकर वामदल नाराज हैं। लिहाजा वामपंथी दलों का महागठबंधन में आने का पेच फंस गया है।
 

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