एक्जिट पोल का असर: ओडिशा में बढ़ सकता है एनडीए का कुनबा

By Team MyNationFirst Published May 21, 2019, 12:28 PM IST
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सात चरण के मतदान के बाद सबको 23 मई की मतगणना का इंतजार है। लेकिन इस दौरान कई तरह के राजनीतिक समीकरण बनते दिख रहे हैं। इसमें सबसे पहला ठोस संकेत दिखा ओडिशा से। जहां बीजेपी को अच्छी संख्या में सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। शायद यही वजह है कि राज्य में दो दशकों से शासन करने वाली बीजू जनता दल ने एनडीए में शामिल होने के संकेत दिए हैं। 
 

भुवनेश्वर:  सात चरण के चुनाव के बाद बीजेपी के लिए जिन राज्यों में लॉटरी लगने की संभावना उसमें प्रमुख है ओडिशा।  पिछली बार यानी साल 2014 में ओडिशा की 21 सीटों में बीजेपी के हाथ मात्र एक सीट लगी थी। इस बार ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए हैं। 

एक्जिट पोल के नतीजों को आधार माना जाए तो ओडिशा विधानसभा में तो फिर से नवीन पटनायक सरकार की वापसी हो रही है। लेकिन लोकसभा में बीजेपी ने अप्रत्याशित रुप से अपनी सीटों की संख्या बढ़ाई है। 
देखते हैं कि ओडिशा के लिए एक्जिट पोल के परिणाम क्या कहते हैं-

1.    टाइम्स नाउ-वीएमआर के एग्जिट पोल में ओडिशा में 21 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को 12 और बीजेडी को 8 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। 

2.    रिपब्लिक टीवी और सी-वोटर के एग्जिट पोल में बीजेडी को 11 तो बीजेपी को 10 सीट मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। 

3.    एनडीटीवी के पोल्स ऑफ एग्जिट पोल में ओडिशा में बीजेपी और बीजेडी को बराबर बराबर यानी 10-10 सीट मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। 

4.     आजतक और एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल ओडिशा में बीजेपी 15 से 19 सीटें जीतती हुई जबकि बीजेडी 2 से छह सीटों पर सिमटती दिख रही है। 

5.    ओडिशा के स्थानीय संबाद कनक न्यूज के एग्जिट पोल में बीजेपी को 8 से 12 और बीजेडी को 6 से 9 सीटें दी गई हैं। 

यानी हर एक्जिट पोल में ओडिशा में बीजेपी को बढ़त दिखाई गई है। वह भी दस से बारह गुना की की जबरदस्त बढ़त। यानी पिछली बार की एक सीट से कम से कम 10 सीट ज्यादा। जो कि सचमुच बड़ी कामयाबी है। 

शायद यही वजह है कि अगर केन्द्र में एनडीए की सरकार बनती है तो बीजू जनता दल उसमें शामिल होने पर विचार कर सकता है। 

यह संकेत दिया है बीजेडी के प्रवक्ता अमर पटनायक ने। जिन्होंने बयान दिया है कि  'हम संभवतः उस पार्टी या गठबंधन को समर्थन देंगे, जो केंद्र में सरकार बनाने की स्थिति में होगा।' हालांकि इस गठबंधन की एक शर्त भी होगी। 'जो दल सरकार बनने के बाद ओडिशा के अनसुलझे और अरसे से लंबित मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करेगा, हमारा समर्थन उसी को जाएगा।' 

Amar Patnaik, BJD: We would probably support some party or some kind of combination, whoever forms the govt at the Centre and agrees to settle some of the unsettled and long pending issues of Odisha. pic.twitter.com/YmqJaogvY4

— ANI (@ANI)

बीजेडी प्रवक्ता के इस बयान को भविष्य में बनने वाले बीजेपी और बीजेडी गठबंधन के तौर पर देखा जा रहा है। 

इसके संकेत पहले भी दिखने लगे थे। पिछले दिनों जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के दौरे पर गए थे तो उनकी अगवानी के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने निजी तौर पर गर्मजोशी दिखाते हुए उनका स्वागत किया था। 
पीएम मोदी ने भी नवीन पटनायक और उनकी सरकार के खिलाफ ज्यादा तीखी बयानबाजी करने से परहेज किया था। 

यही नहीं जब तूफान ‘फणी’ से निटपने का मौका था। तब पीएम ने उसके लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की थी। जबकि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की तारीफ की थी। 
 

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