सेना ने कहा, भारत और सेना विरोधी लोगों की सोची समझी साजिश। कट्टरवादी सिख संगठनों का मकसद छवि खराब करना।
भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने और पंजाब के सिख युवाओं में देश के प्रति विद्रोह की भावना पैदा करने में अब तक असफल रहा कट्टरवादी सिख संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' अब देश के विभाजन के लिए सेना के जवानों को निशाना बनाने की फिराक में है।
पिछले कई दिनों से एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसे सेना की तरफ से जारी आधिकारिक पत्र के रूप में दिखाया गया है। दरअसल, यह पत्र कट्टरवादी सिख संगठन सिख फॉर जस्टिस की तरफ से लोगों को भ्रमित करने के लिए सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है। इस लेटर में दावा किया गया है कि भारतीय सेना की एक आंतरिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सेना के जवानों में इस समय किसी भी तरह का युद्ध लड़ने की क्षमता नहीं है।
इस झूठी रिपोर्ट के मुताबिक, सेना के जवानों में इस वक्त प्रेरणा और जज्बे की कमी साफ देखी जा सकती है।
लगातार वायरल हो रहे इस फर्जी लेटर में यह भी दावा किया गया है कि सेना में कार्यरत सिख जवान सेना में रहकर ही बड़े विद्रोह को तैयारी कर रहे हैं और आने वाले समय में खालिस्तानी संगठनों की तरफ से चलाए गए 20-20 रेफरेंडम का भी सहयोग करेंगे। इतना ही नहीं इस पत्र में यह भी कहा गया है कि सेना के 6 जवान खालिस्तान के प्रोपेगंडा का भी सहयोग करने के प्रयास कर रहे हैं।
सेना ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही किसी भी तरह की आंतरिक रिपोर्ट का खंडन किया है।
. Fake letter about Army, classified as SECRET, dated 03 Dec 18, signed by Brig Vikram Malhotra, is being circulated on Whatsapp. Request guard against the misinformation against . pic.twitter.com/60AXQuXQrn
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi)सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'माय नेशन' को बताया कि कट्टरवादी सिख संगठनों द्वारा इस पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल करने का मकसद भारतीय सेना की छवि को खराब करना है। उन्होंने कहा कि यह पत्र झूठा है और एक साजिश का हिस्सा है। यह भारत विरोधी और सेना विरोधी लोगों की सोची समझी साजिश है।