जयपुर में राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट ने भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। गहलोत ने कहा कि राज्य में सात साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की मांग नहीं की गई क्योंकि हम जानते थे कि वो निकम्मे थे, नाकारा थे।
जयपुर। राजस्थान में मुख्मंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लड़ाई बढ़ती जा रही है और राज्य सरकार पर खतरा कम होता देख आज सीएम गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम पायलट पर तीखा वार किया किया है। गहलोत ने कहा कि पायलट ने उन्हें धोखा दिया है और पायलट निकम्मा, नकारा और धोखेबाज है।
जयपुर में राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट ने भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। उन्होंने सचिन पायलट पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पायलट को काफी कम उम्र में बहुत ज्यादा मिल गया था और वह(सचिन पायलट) नाकारा थे। गहलोत ने कहा कि राज्य में सात साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की मांग नहीं की गई क्योंकि हम जानते थे कि वो निकम्मे थे, नाकारा थे। गहलोत ने कहा कि मैं यहां बैंगन बेचने नहीं आया हूं। राज्य का चुनाव हुआ मुख्यमंत्री हूं। हमने सबको सम्मान दिया है और अभी तक किसी के खिलाफ कुछ नहीं बोला है।
गहलोत ने कहा कि जो खेल राज्य में अभी हुआ है, वो दस मार्च को हो सकता था। दस मार्च को मानेसर गाड़ी रवाना हुई थी। गहलोत ने कहा कि आज देश में भाजपा का शासन है और गुंडागर्दी हो रही है, मनमर्जी के हिसाब से विरोधियों पर छापे मारे जा रहे हैं। ये मुझे उसी दिन मालूम था कि मेरे करीबियों के छापे पड़ेंगे। गहलोत ने कहा कि आज पायलट के समर्थन में जितने वकील केस लड़ रहे हैं, उनकी फीस बहुत ज्यादा है और उनका पैसा कहां से आ रहा है। क्या सचिन पायलट सभी पैसा दे रहे हैं?
गहलोत ने पायलट पर हमला करते हुए कहा कि पायलट साहब गाड़ी चलाकर खुद दिल्ली जाते थे और छिप जाते थे और हमने सचिन पायलट की साजिश का पर्दाफाश किया है। मानेसर में विधायकों के मोबाइल छीन लिए गए हैं और विधायक रो रहे हैं।
कांग्रेस का डबल गेम
एक तरफ कांग्रेस का नेतृत्व सचिन पायलट मनाकर वापस लाने की कोशिश में हैं वहीं राज्य के सीएम अशोक गहलोत उनपर सीधा निशाना साध रहे हैं। हालांकि इससे साफ है कि कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत को राज्य के मामलों में खुली छूट दे दी है। जबकि वहीं कांग्रेस के बड़े नेता पायलट को पार्टी में वापस लाना चाहते हैं।