आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। ये उपचुनाव सभी राजनैतिक दलों के लिए काफी अहम हैं। खासतौर से भाजपा और सपा के लिए। लेकिन दिलचस्प ये है कि प्रचार से ज्यादातर बड़े नेताओं में दूरी बनाकर रखी है। जबकि भाजपा ने सभी स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विधानसभा की 11 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के प्रचार से राज्य के दिग्गज नेता गायब हैं। आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। ये उपचुनाव सभी राजनैतिक दलों के लिए काफी अहम हैं। खासतौर से भाजपा और सपा के लिए। लेकिन दिलचस्प ये है कि प्रचार से ज्यादातर बड़े नेताओं में दूरी बनाकर रखी है। जबकि भाजपा ने सभी स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा है।
लांकि उपचुनाव को लेकर भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। जबकि कांग्रेस, सपा और बसपा के बड़े नेताओं ने उपचुनाव से दूरी बनाकर रखी है। कांग्रेस की स्टार प्रचारक और महासचिव प्रियंका गांधी ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह उपचुनाव के लिए कांग्रेस के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार नहीं करेंगी। जिसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का उत्साह कम हुआ था। क्योंकि कांग्रेस के नेताओं को लग रहा था कि जिस तरह के प्रियंका गांधी राज्य में सक्रिय हो रही हैं। उसको देखते हुए वह उपचुनाव में प्रचार कर प्रत्याशियों का मनोबल बढ़ाएंगी।
वहीं बसपा उपचुनाव तो लड़ रही है। लेकिन पार्टी की मुखिया मायावती ने किसी भी सीट पर प्रचार नहीं किया है। हालांकि हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव में बसपा को तीसरा स्थान मिला। जिसके बाद बसपा प्रमुख ने उपचुनाव से दूरी बनाई। हालांकि पहली बार बसपा उपचुनाव में किस्मत आजम रही है। लेकिन इसके जरिए वह कभी उसके सहयोगी दल रहे सपा को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचा रही है। वहीं हमीरपुर उपचुनाव में सपा दूसरे स्थान पर रही है।
लेकिन पार्टी अध्यक्ष ने उपचुनाव में प्रचार से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखी है। लेकिन अखिलेश यादव रामपुर में आजम का गढ़ बचाने के लिए वहां एक रैली को संबोधित करेंगे। क्योंकि रामपुर में सपा और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है। हालांकि उपचुनाव के प्रचार से दूरी बनाने के अखिलेश यादव के फैसले से पार्टी के नेता सकते में हैं।
इन सीटों पर होना है 21 को मतदान
राज्य की घोसी, जलालपुर, प्रतापगढ़ सदर, जैदपुर, बलहा, लखनऊ कैंट, गोविंदनगर, मानिकपुर, रामपुर, इगलास, गंगोह सीट पर 21 अक्टूबर को मतदान होना है।