खुशखबरी: जल्द ही मिल सकती है कोरोना की वैक्सीन, राज्यों को तैयार रहने को केन्द्र न कहा

By Team MyNation  |  First Published Nov 4, 2020, 1:33 PM IST

असल में भारत में भी कोरोना वैक्सीन का  ट्रायल चल रहा है।  लेकिन अभी तक किसी  भी वैक्सीन को मान्यता नहीं दी गई है। लेकिन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि देश में अगले साल तक वैक्सीन तैयार हो सकती है।

नई दिल्ली।  देश में कोरोना के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है और इसी बीच आम लोगों के लिए एक बड़ी खबर आ रही है। क्योंकि कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा कि वह अपनी वैक्सीन कमेटी और राज्य में अपने तंत्र को तैयार रखने को कहा है। हालांकि ये संकेत  माने जा रहे हैं क्योंकि सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही टीका तैयार होगा और इसके लिए राज्यों और केन्द्र सरकार के बीच समन्वय होना जरूरी है।

असल में भारत में भी कोरोना वैक्सीन का  ट्रायल चल रहा है।  लेकिन अभी तक किसी  भी वैक्सीन को मान्यता नहीं दी गई है। लेकिन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि देश में अगले साल तक वैक्सीन तैयार हो सकती है। माना जा रहा है कि अगले साल मार्च तक वैक्सीन तैयार हो सकती है। हालांकि उधर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं लेकिन इसके जरूरी है कि राज्य सरकार नियमों में ढीलाई न बरते।  राज्य  सरकारें स्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट को जारी रखें। क्योंकि देश में देश में कोरोना वेव जल्दी शुरू हो सकती है। क्योंकि विदेशों में दूसरी कोरोना वेव शुरू हो गई है। लिहाजा इसके लिए मुश्किल भरे हालातों से गुजरना पड़ सकता है। अगर सावधानी नहीं  बरती गई तो।

केन्द्र सरकार का कहना है कि देश में लगातार संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों में स्थिति अभी भी खराब है। देश में केरल, पश्चिम बंगाल और दिल्ली ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में हमें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। वहीं केन्द्र सरकार ने राज्यों से कहा कि कोरोना वैक्सीन के लिए वह अपनी वैक्सीन कमेटी और राज्य में अपने तंत्र को तैयार करके रखें। केन्द्र सरकार का कहना है कि देश में जैसे ही टीका तैयार होगा उसको सभी राज्यों तक पहुंचाया जाएगा।  केन्द्र सरकार का कहना है कि देश में कोरोना के सक्रिय मामलों का संख्या  5. 41 लाख के  करीब है और देश में रिकवरी दर भी 92 फीसदी तक पहुंच गया है।  
 

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