माना जा रहा है कि मेट्रो के परिचालन के शुरूआत में सिर्फ सरकारी इमरजेंसी सेवा व कुछ अन्य श्रेणी के यात्रियों को ही यात्रा की अनुमित मिल सकती है। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों को मेट्रो में यात्रा करने की अनुमति मिल सकती है। ताकि मेट्रो स्टेशनों पर भीड़ एकत्रित ना हो।
नई दिल्ली। दिल्लीवासियों के लिए खुशखबरी है। आगामी सितंबर महीने से दिल्ली में दिल्ली की धड़कन मेट्रो फिर शुरू हो सकती है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। वहीं कोरोना लॉकडाउन के चलते 150 दिन से मेट्रो का परिचालन बंद है और मेट्रो को रोजाना 10 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। लिहाजा मेट्रो को शुरू करने की मंजूरी दी जा सकती है। लेकिन मेट्रो में यात्रा करने के लिए केन्द्र सरकार सख्त नियम लागू कर सकती है और अगर आप उन नियमों के तहत नहीं आते हैं तो आपको मेट्रो में यात्रा करने की अनुमित नही होगी।
माना जा रहा है कि मेट्रो के परिचालन के शुरूआत में सिर्फ सरकारी इमरजेंसी सेवा व कुछ अन्य श्रेणी के यात्रियों को ही यात्रा की अनुमित मिल सकती है। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों को मेट्रो में यात्रा करने की अनुमति मिल सकती है। ताकि मेट्रो स्टेशनों पर भीड़ एकत्रित ना हो।
फिलहाल मेट्रो परिचालन से जुड़े मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को तैयार कर रहा है और इसके तहत यात्रियों को यात्रा करने से पहले कई शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा। वहीं यात्री के अंदर कोरोना के किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर उसे यात्रा की अनुमति नहीं होगी।वहीं हर यात्री को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतू ऐप अनिवार्य करना होगा। इसके साथ ही केवल स्मार्ट कार्ड वाले यात्री ही मेट्रो में सफर कर पाएंगे जबकि मेट्रो स्टेशन पर काउंटर व टिकट वेंडिग मशीनें बंद रहेंगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मेट्रो के परिचालन के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है उसके तहत शुरूआती एक सप्ताह में सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को ही यात्रा करनी की अनुमित होगी और उसके बाद एक समीक्षा की जाएं। अगर इस दौरान सबकुछ ठीक रहता है तो नियमों के साथ अन्य लोगों को यात्रा की अनुमति दी जाए। फिलहाल नियमों के तहत मेट्रो की सीट में दो यात्रियों के बीच एक सीट खाली रहेगी और एक कोच में अधिकतम 50 लोग सफर कर पाएंगे। वहीं को मास्क लगाना अनिवार्य होगा।