रोहिंग्या घुसपैठियों की मदद करने वाले एनजीओ पर सरकार की नजर

By Team MyNationFirst Published Nov 18, 2018, 4:33 PM IST
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केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत ऐसे संगठनों की सूची तैयार कर इनकी गतिविधियों पर निगरानी तेज कर दी है। चिन्हित किए गए अधिकांश संगठन दिल्ली से संचालित हैं। इन पर सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से अवैध रोहिंग्या प्रवासियों को भारत में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी का दर्जा दिलाने सहित अन्य दस्तावेजी सबूत मुहैया कराकर शरणार्थी का दर्जा दिलाने में मदद करने का आरोप है।

नई दिल्ली—केंद्र सरकार अवैध रुप देश में रह रहे रोहिंग्या मुसलामनों की मदद करने वाले एनजीओ और उनके संचालकों पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। केन्द्र सरकार ने भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों को अवैध रुप से रहने और मदद करने वाले लगभग दर्जन भर संदिग्ध गैरसरकारी स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) और संचालको को चिन्हित किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत ऐसे संगठनों की सूची तैयार कर इनकी गतिविधियों पर निगरानी तेज कर दी है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि, चिन्हित किए गए अधिकांश संगठन दिल्ली से संचालित हैं। इन पर सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से अवैध रोहिंग्या प्रवासियों को भारत में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी का दर्जा दिलाने सहित अन्य दस्तावेजी सबूत मुहैया कराकर शरणार्थी का दर्जा दिलाने में मदद करने का आरोप है।

हाल ही में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने इन संगठनों की कथित संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर केन्द्र और दिल्ली सरकार के गृह विभाग को इस बारे में सूचित किया था। गृह विभाग ने दिल्ली पुलिस की तरफ से दी गई सूचना के आधार पर रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद करने वाले संगठनों और कार्यकर्ताओं की जांच के बाद तैयार सूची केन्द्र सरकार को सौंपी है।

इसमें उन लोगों की भी जानकारी दी गयी है जो अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों की कथित तौर पर मदद कर रहे हैं। इस सूची में अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संगठन एमनेस्टी की भारत इकाई में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी के अलावा पश्चिम बंगाल के कोलकाता से संचालित एनजीओ ‘बोंदि मुक्ति कमेटी’ सहित दस अन्य एनजीओ शामिल हैं।

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग के साथ मिलकर शरणार्थी कल्याण के लिए काम करने वाले दो कथित एनजीओ के कुछ पदाधिकारी भी निगरानी के दायरे में आए है। सूची में भारतीय विदेश सेवा के एक सेवानिवृत्त अधिकारी और दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर का भी नाम शामिल है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को अवांछित तरीके से मदद पहुंचाने वाले संगठनों और व्यक्तियों की सूची गृह मंत्रालय की विदेशी नागरिक शाखा को मुहैया कराई गई है। इसमें जम्मू कश्मीर, दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित दर्जन भर राज्यों में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या और अन्य आंकड़ों से मंत्रालय को अवगत कराया गया है।

इसमें अकेले दिल्ली में 1234 अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों मौजूद हैं इनमे 163 लोग लापता हैं। मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को रोहिंग्या शरणार्थियों पर पैनी नज़र रखने को कहा है। जिससे इन्हें वापस म्यांमार भेजने की केन्द्र सरकार की योजना को समय से पूरा किया जा सके।

खुफिया एजेंसियों ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में गृह मंत्रालय को अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों के पूर्वोत्तर राज्यों से दक्षिण भारतीय राज्यों की ओर रुख करने की जानकारी दी थी। इसके आधार पर की गई कार्रवाई में तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद में अवैध पहचान पत्र रखने वाले राहिंग्या मूल के लोगों के खिलाफ 44 मामले दर्ज किए हैं।

मंत्रालय के अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में 16 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों के पास संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी का प्रमाणपत्र है। देश में रह रहे राहिंग्या मूल के लोगों की कुल संख्या लगभग 40 हजार है। इनमें लगभग 6 हजार जम्मू कश्मीर में रह रहे हैं।

 

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