सरकारी स्कूल हुआ जर्जर, घर में पढ़ने के लिए मजबूर हैं बच्चे

By Team MyNation  |  First Published Jul 27, 2019, 4:52 PM IST

कहां तो तय था चरागा हर एक घर के लिए, कहां चराग मयस्सर नहीं शहर के लिए। शायर डॉ. दुष्यंत कुमार की यह रचना बाराबंकी के एक प्राथमिक विद्यालय पर बिलकुल सटीक बैठ रही है। जहां बच्चे हैं, पाठ्य पुस्तकें हैं और इन्हें तालीम देने के लिए शिक्षक भी हैं। अगर नहीं है तो वह जगह जहां यह बच्चे सुरक्षित होकर शिक्षा ले सकें। 
 

बाराबंकी: यहां पर साधारणपुर प्राथमिक स्कूल के बच्चे निजी घर में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। क्योंकि इन बच्चों के स्कूल का भवन जर्जर हो चुका है और नौनिहाल यहां शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते हैं। बारिश मौसम में जर्जर स्कूल के अंदर बैठना खतरे से खाली नहीं है, इसीलिए यहां के शिक्षक अब यह स्कूल एक घर में चलाने को मजबूर हैं।

केंद्र और यूपी सरकार शिक्षा को बेहतर करने के लाख दावे कर रही है और करोड़ों रूपये भी खर्च कर रही है, लेकिन अभी भी कई सरकारी स्कूलों की हालत में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। जनपद बाराबंकी में विकासखंड रामनगर का प्राथमिक विद्यालय साधारणपुर एक ऐसा ही प्राथमिक विद्यालय है, जहां बच्चे मौत के मुंह में पढ़ने को मजबूर हैं। क्योंकि विद्यालय की बिल्डिंग एकदम जर्जर हो चुकी है। स्कूल की जर्जर स्थिति को देखते हुए बारिश के मौसम में यहां पढ़ने वाले बच्चों पर जान खतरा मंडराता रहता है। स्कूल के अंदर और बाहर पानी भर जाता है, जिसके चलते बच्चों का बैठना और शिक्षकों का पढ़ाना मुश्किल हो जाता है। इसीलिये बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर शिक्षकों ने स्कूल को गांव के एक घर में लगाना शुरू कर दिया।

शिक्षकों का कहना है कि स्कूल के बगल में नाला है और यहां अक्सर सांप, बिच्छू जैसे खतरनाक जानवर निकलते रहते हैं। बारिश के चलते स्कूल के अंदर और बाहर पानी भर जाता है। स्कूल की बिल्डंग एकदम जर्जर हो चुकी है, जिसके चलते यहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इसलिए हमने बारिश के मौसम में स्कूल को गांव के घर में लाना शुरू कर दिया। जिससे बच्चे सुरक्षित रहें।

वहीं इस बात की जानकारी जब बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह को दी गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल की बिल्डिंग काफी पुरानी हो चुकी है। जिसके चलते वह काफी जर्ज है। मामला उनके संज्ञान में है। वह स्कूल की बिल्डिंग को दुरुस्त करवाने के लिए जल्द ही विभागीय कार्रवाई करेंगे। जिससे बच्चे स्कूल के भवन में सुरक्षित पढ़ाई कर सकें।
 

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