दूध उत्पादन बढ़ाने की कोशिश में जुटी सरकार

By Team MynationFirst Published Sep 13, 2018, 6:56 PM IST
Highlights

डेयरी निधि से 50 हजार गांवों के 95 लाख दुग्ध उत्पादकों को फायदा होगा। इस योजना के तहत 126 लाख लीटर प्रतिदिन की अतिरिक्त दुग्ध प्रसंस्करण, 210 टन प्रतिदिन दुग्ध पावडर, 28000 ग्रामीण स्तर पर बल्क मिल्क कूलर के स्थापना से 140 लाख लीटर प्रतिदिन की दुग्ध फ्रीजन क्षमता हासिल की जाएगी होगी।

नई दिल्ली- केन्द्र सरकार ने अब दूध का उत्पादन बढ़ाने की ठान ली है। अब डेयरी किसानों की आयु दोगुनी करने के लिए एक योजना बनाई गई है। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने इस उद्देश्य से डेयरी आधारभूत संरचना विकास निधि का एक कार्यक्रम में आगाज किया। सरकार ने इसके लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की है, जिसके लिए 51077 करोड़ रुपए की जरुरत है। आज के कार्यक्रम में इसकी 440 करोड़ रुपए की पहली किश्त जारी कर दी है। 

कृषि मंत्री ने जानकारी दी, कि इस डेयरी निधि से 50 हजार गांवों के 95 लाख दुग्ध उत्पादकों को फायदा होगा। इस योजना के तहत 126 लाख लीटर प्रतिदिन की अतिरिक्त दुग्ध प्रसंस्करण, 210 टन प्रतिदिन की दुग्ध पावडर, 28000 ग्रामीण स्तर पर बल्क मिल्क कूलर के स्थापना से 140 लाखलीटर प्रतिदिन की दुग्ध फ्रीजन क्षमता हासिल की जाएगी होगी। 

इस योजना के तहत 20 गोकुल ग्रामों की स्थापना की जाएगी। देश में आवारा पशुओं की संख्या कम करने के लिए भी सरकार ने एक योजना तैयार की है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत लिंग सोरटेड वीर्य उत्पादन हेतु 10 वीर्य केन्द्रो को चिन्हित किया जा चुका है। इससे बछियों का ही उत्पादन होगा तथा आवारा पशु की संख्या में कमी आयगी।

कृषि मंत्री ने बताया, कि दुगध उत्पादन में जोखिम को कम करने के लिए देशी नस्लों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत देशी नस्लों के संरक्षण हेतु दक्षिण भारत के चिंतलदेवी, आंध्र प्रदेश में तथा एक उत्तर भारत के इटारसी, मध्य प्रदेश में दो नेशनल कामधेनु ब्रीडिंग केंद्र स्थापित किए जा रहे है।

कार्यक्रम के अंत में कृषि मंत्री ने सभी सदस्यों से सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2022 को साकार करने के लिए कोशिशें और तेज करने की अपील की।

click me!