Uttarakhand News: योगी सरकार की तर्ज पर दंगाइयों से निपटने की तैयारी में धामी सरकार, करेगी नुकसान की वसूली

By Surya Prakash TripathiFirst Published Feb 26, 2024, 2:56 PM IST
Highlights

हल्द्वानी हिंसा के बाद उत्तराखंड सरकार कानूनी कार्रवाई के साथ ही नुकसान वसूली के लिए भी धामी सरकार तैयारी में है। इसीलिए सार्वजनिक या निजी संपत्ति के नुकसान मामले पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की तर्ज पर प्रदेश में नया कानून बनाने की तैयारी में है।

हल्द्वानी। हल्द्वानी हिंसा के बाद उत्तराखंड सरकार भी यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक विधानसभा सत्र में लाने जा रही है। जिसका मकसद प्रदेश के दंगाइयों पर न केवल नकेल लगाना है बल्कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई भी कराना है।
 

सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से कठोरता से निपटने की योजना
हल्द्वानी हिंसा में सरकारी और निजी संपत्ति की करोड़ों रुपए की क्षति हुई थी। जिसके बाद से ही उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार खासी एक्टिव मोड में आ गई है। वह दंगाइयों को किसी भी सूरत में बख्शने के मूड में नहीं है। कानूनी कार्रवाई के साथ ही नुकसान वसूली के लिए भी धामी सरकार तैयारी में है। इसीलिए सार्वजनिक या निजी संपत्ति के नुकसान मामले पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की तर्ज पर प्रदेश में नया कानून बनाने की तैयारी में है। सरकार इस कानून के सहारे प्रदेश में हड़ताल, बंद, दंगों और विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से कठोरता से निपटने की योजना है।
 

यूपी में 2019 में दंगाइयों से निपट के लिए सरकार ने बनाया था कानून
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2019 में सीएए -एनआरसी को लेकर किए गए दंगों में भारी नुकसान हुआ था। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की सरकार ने इन दंगाइयों से निपटने के लिए कड़ा कदम उठाया था। योगी सरकार ने दंगाइयों का सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर लगवा दिया था। साथ ही सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई का नोटिस भी दंगाइयों के घर भेज दिया था। जिसके बाद खूब हंगामा हुआ। लेकिन इस कानून का काफी असर हुआ है। जिसके बाद इसी तरह का कानून हरियाणा सरकार ने भी लागू किया है। अब उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बनने जा रहे जो इस तरह का कानून लाने जा रही है।
 

बनभूलपूरा में उपद्रवियों ने किया था नंगा नाच, फूंक दिया था थाना
उत्तराखंड के हल्द्वानी में पिछले दिनों बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस और प्रशासनिक टीम पर ने केवल जानलेवा हमला किया गया था, बल्कि पुलिस थाने को फूंक दिया था। इसके अलावा सार्वजनिक संपत्ति और निजी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया गया था। जिसके बाद से ही धामी सरकार दंगाइयों से क्षतिपूर्ति की तैयारी में है। ताकि दोबारा इसी किसी भी घटना को कारित करने से पहले दंगाइयों को सोचना पड़े। इस तरह के उपद्रवियों पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश सरकार उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक विधानसभा सत्र में लाने जा रही है। इस विधेयक के कानून बनने के बाद उत्तराखंड देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा। जहां इस तरह का कानून लागू है। 
 

विधेयक का ड्राफ्ट तैयार
इस कानून का गहन अध्ययन के बाद ही उत्तराखंड में इस विधेयक का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इस कानून के मुताबिक दंगाइयों से वसूली के लिए संबंधित विभाग और निजी संपत्ति के मालिक को तीन महीने के भीतर दावा करना होगा। सेवानिवृत्त जिला जज की अध्यक्षता में बनने वाले विभिन्न दावा अधिकरणों में नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए दावा किया जा सकेगा।
 

कानून के मुताबिक एक माह के भीतर जमा करनी होगी क्षतिपूर्ति
आरोप तय होने पर संबंधित व्यक्ति को एक माह के भीतर क्षतिपूर्ति जमा करनी होगी। इस कानून में यह प्रावधान भी होगा कि ऐसा न होने पर दंड का प्रावधान भी किया जा रहा है। संपत्ति के साथ ही निजी क्षति को इस कानून में शामिल किया जा रहा है। इसमें मृत्यु के साथ ही नेत्र दृष्टि, श्रवण शक्ति, अंग-भंग होने या चेहरे के बिगड़ने होने को दायरे में रखा गया है। इसमें क्षतिपूर्ति का भी प्रावधान होगा।
 

अभी तक दंगाइयों से क्षतिपूर्ति वसूली का नही है कोई कानून
अक्सर प्रदर्शनकारी सार्वजनिक एवम निजी संपत्तियों को अपना निशाना बनाकर नुकसान पहुंचाते हैं। इस क्षतिपूर्ति के लिए अभी तक प्रदेश में कोई व्यवस्था नहीं है। प्रदेश में सरकारी संपत्ति को नष्ट करने या नुकसान पहुंचाने पर रोक के लिए लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम अस्तित्व में है। हालांकि, इस अधिनियम में आरोपियो को संपत्ति को दुरुस्त करने के लिए समय दिया जाता है। ऐसा न करने पर डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति वसूली रकम तय करती है।
 

नेतृत्व और आयोजनकर्ताओं से भी होगी वसूली
इस कानून के लागू होने के बाद नुकसान की भरपाई उन लोगों से भी की जाएगी, जो विरोध- प्रदर्शनों का नेतृत्व या आयोजन करेंगे। प्रस्तावित विधेयक में नुकसान की भरपाई केवल उन लोगों से नहीं होगी, जो हिंसा या तोड़फोड़ में लिप्त होंगे, बल्कि उन लोगो से भी वसूली होगी इस तरह के विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व और आयोजन करेंगे।

ये भी पढ़ें...
Breaking News:वाराणसी के ज्ञानवापी तहखाने में जारी रहेगी हिंदू प्रार्थना, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की

 

 

click me!