ऐतिहासिक दिन:असम में एक साथ 644 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण

By Team MyNation  |  First Published Jan 23, 2020, 1:30 PM IST

राज्य में एक साथ आठ उग्रवादी समूहों के कुल 644 कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आत्मसमर्पण किया है। उग्रवादियों ने 177 हथियार पुलिस को सौंपे हैं  जिसमें एके- 47, एके-56 भी शामिल हैं। इसे राज्य सरकार के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। राज्य में मौजूद उग्रवादी संगठन उल्फा (आई), एनडीएफबी, आरएनएलएफ, केएलओ, सीपीआई (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी के सदस्यों ने राज्य के सीएमसर्बानंद सोनोवाल के समक्षआत्मसमर्पण किया।

गुवाहाटी। कई दशकों से उग्रवाद को झेल रहे असम के लिए बड़ी खबर आई है और ये राज्य के लिए ऐतिहासिक दिन भी बना है। राज्य में एक साथ आठ उग्रवादी समूहों के कुल 644 कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आत्मसमर्पण किया है। उग्रवादियों ने 177 हथियार पुलिस को सौंपे हैं  जिसमें एके- 47, एके-56 भी शामिल हैं।

इसे राज्य सरकार के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। राज्य में मौजूद उग्रवादी संगठन उल्फा (आई), एनडीएफबी, आरएनएलएफ, केएलओ, सीपीआई (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी के सदस्यों ने राज्य के सीएमसर्बानंद सोनोवाल के समक्षआत्मसमर्पण किया। हालांकि राज्य सरकार उग्रवादियों के आत्मसमर्पण के लिए काफी लंबे अरसे से प्रयास कर रही थी। ताकि राज्य में शांति स्थापित हो सके और उग्रवादी मुख्यधारा में आ सकें। राज्य में मौजूद इन उग्रवादियों का आत्मसमर्पण करना राज्य सरकार के लिए एक बड़ी सफलता है।

राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है। जिसमें इतनी संख्या में उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक ज्योति महंता ने कहा कि ये ऐतिहासिक दिन है। क्योंकि राज्य के आठ उग्रवादी संगठनों के सदस्यों ने अपने हथियारों को छोड़ा और मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि इतने बड़ी संख्या में उग्रवादियों का आत्‍मसमर्पण करना राज्‍य पुलिस के लिए बड़ी सफलता है।

गौरतलब है कि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में लंबे समय से उग्रवाद की मार झेल रहे राज्य को राहत मिलेगी और उग्रवादियों के आत्‍मसमर्पण से शांति की उम्‍मीद जगी है। राज्य के आठ संगठनों के 644 उग्रवादियों ने राज्य के सीएम के सामने आत्मसमर्पण किया है। हालांकि राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य पूरी तरह से उग्रवाद मुक्त हो जाए। इसके लिए राज्य सरकार और केन्द्र सरकार राज्य में मौजूद उग्रवादी गुटों से बातचीत कर रही है और उन्हें मुख्यधारा में आने के लिए प्रेरित कर रही है।

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