कांग्रेस और उसके सहयोगी राफेल डील की जांच और इसके लिए जेपीसी के गठन की लगातार मांग कर रहे हैं और इसी मुद्दे को लेकर पार्टी ने सरकार को घेरा। विपक्ष ने इसके साथ ही कई मुद्दों को उठाया। जिसके कारण गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। आखिर में सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
अपनी रणनीति के मुताबिक ही कांग्रेस ने आज लोकसभा और राज्य सभा में राफेल के मुद्दे पर सरकार को घेरने के कोशिश की। इसके कारण दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ। वहीं केन्द्र में सरकार की सहयोगी शिवसेना ने भी राम मंदिर निर्माण को लेकर सदन में अपना विरोध जताया। जिसके कारण दोनों सदनों को दिनभर भर के लिए स्थगित कर दिया।
कांग्रेस और उसके सहयोगी राफेल डील की जांच और इसके लिए जेपीसी के गठन की लगातार मांग कर रहे हैं और इसी मुद्दे को लेकर पार्टी ने सरकार को घेरा। विपक्ष ने इसके साथ ही कई मुद्दों को उठाया। जिसके कारण गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। आखिर में सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले कार्यवाही दो बार स्थगित की गयी। सदन के शुरू होते ही कांग्रेस, टीडीपी और शिवसेना के सदस्य हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आसन के पास पहुंच गए। लोकसभा में स्पीकर ने शिवसेना सदस्यों को शून्य काल के दौरान मुद्दे को उठाने की अनुमति दी।
शिवसेना के आनंद राव अडसुल ने मांग की कि सरकार को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कहा कि मौजूदा सरकार को साढ़े चार साल बीत गए और अब तक मंदिर को लेकर कोई पहल नहीं की गई। शिवसेना सांसद ने कहा कि इस सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और उसे राम मंदिर पर विलंब नहीं करना चाहिए। इसके बाद महाजन ने सदन की कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया। शिवसेना के सदस्यों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग करते हुए नारेबाजी की। सदन में सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी। जिन पर ‘हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार’ नारा लिखा हुआ था।
अन्नाद्रमुक ने किसानों के मुद्दे को उठाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने भी हाथों में तख्तियां थी। जिस पर लिखा था, ‘किसानों के अधिकारों की रक्षा हो। गुरुवार सुबह शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शिमोगा से नवनिर्वाचित बीवाई राघवेंद्र को शपथ दिलाने के साथ शुरू हुई। इसके साथ ही सदन ने 13 दिसंबर 2001 को संसद में हुए हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी। वहीं जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया तभी कांग्रेस सदस्य हाथों में तख्तियां लिए हुए राफेल मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे थे और ‘वी डिमांड जेपीसी’ के नारे लगा रहे थे।