कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के पद्चिह्नों का अनुसरण करते हुए आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर भी ईडी की पूछताछ को टालने की कोशिश कर रही हैं।
भष्ट्राचार के मामलों में लिप्त लोगों का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ से बचना अब रोजाना की बात हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के पद्चिह्नों का अनुसरण करते हुए आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर भी ईडी की पूछताछ को टालने की कोशिश कर रही हैं। वह बीमार होने की बात कहकर पूछताछ से बचना चाह रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी ने चंदा कोचर और उनकी पति दीपक कोचर को पूछताछ के लिए बुलाया ता। लेकिन पूछताछ के लिए सिर्फ दीपक कोचर ही एजेंसी पहुंचे। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि चंदा कोचर ने ईडी के अधिकारियों के एक पत्र भेजकर कहा है कि वह निजी कारणों के चलते पूछताछ में शामिल नहीं हो सकती।
ईडी के अधिकारियों का दावा है कि वे पूछताछ के दौरान चंदा कोचर और उनकी पति को लंच करने के लिए 30 मिनट का समय देते हैं। एजेंसी ने जांचकर्ताओं को चंदा कोचर द्वारा दिए गए जवाब के आधार पर सवालों की एक लिस्ट बना रखी है।
इसी तरह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा भी ईडी की पूछताछ से बचने की कोशिश करते रहे हैं। वह एजेंसी को अपनी तबियत खराब होने की बात कहकर पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। इससे पहले, बृहस्पतिवार को एजेंसी ने वाड्रा से पूछताछ की थी। हालांकि वह जांचकर्ताओं का सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह वाड्रा की विदेश में संपत्ति से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले की जांच कर रही है।
ईडी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत इस साल आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मामले में आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था। एजेंसी आईसीआईआई बैंक से 1,875 करोड़ रुपये का कर्ज आवंटित करने में किए गए भ्रष्टाचार की जांच कर रही है।
ईडी की यह कार्रवाई सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। इसमें धूत की वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) और वीडियोकॉन इंडस्ट्री लिमिटेड (वीआईएल) का नाम शामिल है। सीबीआई की एफआईआर में धूत द्वारा बनाई गई कंपनी सुप्रीम एनर्जी और नूपॉवर रिन्यूबल्स भी शामिल है। यह दीपक कोचर के नियंत्रण वाली कंपनी है।
सीबीआई और ईडी की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि जून 2009 से अक्टूबर 2011 के बीच आईसीआईसीआई बैंक ने कथित तौर पर वीडियोकॉन समूह की की कंपनी को बड़ा कर्ज दिया।
चंदा कोचर के पहली मई, 2009 में आईसीआईसीआई बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर का पद संभालने के बाद वीडियोकॉन को 2012 के बाद 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मिला। इसके बाद धूत ने कथित तौर पर नूपॉवर में बड़े पैमाने पर निवेश किया।