यूपी के शामली के मोहल्ला आजाद चौक के मस्जिद कुरैशियान का इमाम है, मोहम्मद अयूब। जो कि आम तौर पर लोगों को फर्ज और ईमान का पाठ पढ़ाता है। लेकिन साली को बीवी की जगह दिलाने के चक्कर में यह इमाम सारी नैतिक शिक्षा भूल गया और पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले की पुलिस के खुफिया विभाग ने जमीयत उलेमा ए हिन्द के जिला सचिव और एक मस्जिद के इमाम मोहम्मद अयूब को गिरफ्तार कर लिया है। उसपर पासपोर्ट बनवाने की कोशिश में फर्जीवाड़े का आरोप है।
पुलिस के मुताबिक इमाम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया है। इमाम ने 2015 में मर चुकी बीवी के नाम से ही वर्तमान पत्नी का पासपोर्ट बनवाने की कोशिश की।
खुफिया तंत्र की जांच में दोषी पाये जाने पर सदर कोतवाली में इमाम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
शामली के मौहल्ला आजाद चौक स्थित मस्जिद कुरैशियान के इमाम मौहम्मद अयूब के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, मौहम्मद अय्यूब पुत्र मकसूद ने खुद को मौहल्ला काजीवाड़ा का निवासी दर्शाते हुए वर्ष 2013 में एक पासपोर्ट बनवाया था। जो वर्ष 2023 तक वैध है।
इमाम ने पहला पासपोर्ट मौहम्मद अय्यूब के नाम से बनवाया था, जबकि कुछ दिन पहले उन्होंने अय्यूब मौहम्मद के नाम से नया पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन कर दिया। इस आवेदन के सदर कोतवाली में पहुंचने पर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी तो इमाम द्वारा पहले भी दूसरे नाम से पासपोर्ट बनवाने का मामला सामने आया।
इसके बाद इमाम को थाने बुलाया गया। पता चला कि उसकी पत्नी बुशरा की मौत 2015 में हो गई थी। इसके बाद इमाम ने अपनी साली मुशर्रत से शादी कर ली थी, लेकिन उसने उसका नाम छिपाते हुए पहली पत्नी बुशरा के नाम से ही उसका भी पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया हैं। खुफिया विभाग व सदर कोतवाली पुलिस टीम ने पूछताछ के बाद इमाम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया हैं।
फिलहाल इमाम मोहम्मद अयूब पुलिस की गिरफ्त में है।