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जर्जिया टैक्स के जरिए पाकिस्तान को कंगाली से उबरना चाहते हैं इमरान खान नियाजी

Published : Oct 18, 2019, 08:20 AM IST
जर्जिया टैक्स के जरिए पाकिस्तान को कंगाली से उबरना चाहते हैं इमरान खान नियाजी

सार

हालांकि पाकिस्तान सरकार के इस फैसले का भारत सरकार ने विरोध किया है। लेकिन पाकिस्तान इस टैक्स को लगाने में अड़ा हुआ है। पाकिस्तान आर्थिक तौर पर पूरी तरह से कंगाल हो चुका है। लिहाजा अब तीर्थ यात्रियों के जरिए अपनी खराब अर्थव्यवस्था को सुधारना चाहता है। पाकिस्तान को हर साल करीब 252 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। 

नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी अपनी कंगाली को भारत के जरिए खत्म करना चाहते हैं। दुनिया भर में अपनी नापाक हरकतों से बदमान हो चुके इमरान खान अब करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए सिख श्रद्धालुओं पर जजिया टैक्स लगा रहे हैं। नियाजी इस बात पर अड़े हैं कि भारत से आने वाले हर तीर्थ यात्री से वह 20 डॉलर या फिर 1500 रुपये वसूले। ताकि कंगाल होते पाकिस्तान को सहारा मिल सके। इसके साथ ही वह भारतीयों की भावनाओं को भी आहत करना चाहता है।

हालांकि पाकिस्तान सरकार के इस फैसले का भारत सरकार ने विरोध किया है। लेकिन पाकिस्तान इस टैक्स को लगाने में अड़ा हुआ है। पाकिस्तान आर्थिक तौर पर पूरी तरह से कंगाल हो चुका है। लिहाजा अब तीर्थ यात्रियों के जरिए अपनी खराब अर्थव्यवस्था को सुधारना चाहता है। पाकिस्तान को हर साल करीब 252 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए तो नहीं बल्कि भारत के खिलाफ आतंकियों को फंडिंग के लिए जरूर इस्तेमाल करेगा।

पाकिस्तान ने प्रति दर्शनार्थी 20 डॉलर का जजिया टैक्ट लगाया है। हालांकि अभी तक पाकिस्तान ने विशेष पर्वों के अवसर पर दस हजार अतिरिक्त तीर्थयात्रियों को दर्शन करने के मामले में चुप्पी साधी है। पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी हाल में श्रद्धालुओं को मुफ्त में मत्था नहीं टेकने देगी। यानी पाकिस्तान का मकसद साफ है कि अगर पैसे नहीं तो दर्शन नहीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ नवंबर को इसका उद्धाटन करेंगे। इस कॉरिडोर के खुल जाने के बाद पांच हजार श्रद्धालु रोजाना दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए भारत सरकार आगामी 20 अक्टूबर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करेगी। गुरू नानकदेव जी की 550वीं जयंती पर करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने को लेकर सिख श्रद्धालुओं काफी खुश हैं। क्योंकि करतारपुर साहिब की स्थापना 1522 में गुरु नानक देव ने की थी। यह नानक साहिब का निवास स्थान है। हालांकि इस कॉरिडोर में बिना किसी वीजा के जरिए करतारपुर पहुंचा जा सकता है।
 

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