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महाराष्ट्र में भाजपा में चल रहा है घमासान, खडसे और पाटिल में शुरू हुआ वाकयुद्ध

Published : May 14, 2020, 09:46 PM IST
महाराष्ट्र में भाजपा में चल रहा है घमासान, खडसे और पाटिल में शुरू हुआ वाकयुद्ध

सार

भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने भाजपा पार्टी के नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी भूमिका पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की जैसे हो गई है। इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे और राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के बीच की तल्खी और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस वक्त महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार को चुनौती देने का समय है। 

मुंबई। महाराष्ट्र भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य में सरकार बनाने से विफल रही भाजपा के भीतर गुटबाजी तेज हो गई है। वहीं विधान परिषद चुनावों में एमएलसी टिकट से इनकार करने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से ने मौजूदा नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए का कि राज्य में उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कि राज्य में पार्टीं को सत्ता तक पहुंचाने के लिए दिवंगत गोपीनाथ उन्होंने  खून और पसीना बहाया, लेकिन अब उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया है।


भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने भाजपा पार्टी के नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी भूमिका पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की जैसे हो गई है। इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे और राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के बीच की तल्खी और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस वक्त महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार को चुनौती देने का समय है। हाल ही में हुए विधान परिषद चुनावों में एमएलसी चुनाव में खडसे ने टिकट के लिए मना कर दिया था। लेकिन अब उन्होंने कहा कि कि उन्होंने और दिवंगत गोपीनाथ मुंडे ने भाजपा के विकास और विस्तार के लिए अपना खून और पसीना बहाया और अब उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि जब हम ब्राह्मण बनिया से लेकर बहुजन ओबीसी तक अपना चेहरा बनाकर पार्टी का निर्माण कर रहे थे तब फड़नवीस और पाटिल दोनों ही दृश्य में कही नहीं थे। हालांकि खड़से के आरोपों के बाद पाटिल ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि खडसे ने खुद भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को धोखा दिया था। खडसे ने भाजपा के पूर्व सांसद हरिभाऊ जावले को लोकसभा टिकट देने से इनकार कर दिया और रावेर लोकसभा सीट के लिए अपनी बहू रक्षा खडसे को टिकट दिया था। उन्हें खुद नौ बार टिकट दिया गया और एक परिवार को कितने पद दिए जाने चाहिए।

दो दिन पहले ही कांग्रेस ने खड़से को लुभाने के लिए कहा था कि अगर वह अपनी विचार धारा को छोड़ सकते हैं तो कांग्रेस में उनके लिए दरवाजे खुले हुए हैं। असल में खड़से को विधानसभा चुनाव से अलग-थलक कर दिया गया है।हालांकि उनका टिकट काटकर उनकी बेटी को टिकट दिया गया। लेकिन वह चुनाव में हार गई थी। लेकिन इसके बाद खड़से ने उनकी बेटी को हराने के आरोप लगाए थे।
 

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