असल में कृषि विधेयकों के विरोध में देशभर में प्रदर्शन जारी हैं और केन्द्र सरकार किसानों को समझा रही है कि ये विधेयक किसानों के खिलाफ नहीं है और इससे किसानों को फायदा होगा। लेकिन कांग्रेस समेत कई दल इसका विरोध कर रहे हैं।
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए कृषि विधेयकों को लेकर कांग्रेस ने अपना रंग बदल दिया है। पहले जहां कांग्रेस इस बिल के समर्थन में थी वहीं अब इसके विरोध में उतर आई है। लिहाजा अब कांग्रेस बुरी तरह से घिरती हुई दिख रही है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें राहुल गांधी के करीबी और राजस्थान के महासचिव अजय माकन अध्यादेशों का समर्थन करते दिख रहे हैं।
असल में कृषि विधेयकों के विरोध में देशभर में प्रदर्शन जारी हैं और केन्द्र सरकार किसानों को समझा रही है कि ये विधेयक किसानों के खिलाफ नहीं है और इससे किसानों को फायदा होगा। लेकिन कांग्रेस समेत कई दल इसका विरोध कर रहे हैं। क्योंकि कांग्रेस को लग रहा है कि वह इसके जरिए खुद को स्थापित कर सकती है। वहीं कांग्रेस अब बैकफुट पर आती दिख रही है। कभी कांग्रेस के प्रवक्ता रहे संजय झा ने कांग्रेस को बेनकाब किया है। संजय झा ने बताया कि लोकसभा से पारित कृषि संबंधित विधेयक कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी थे।
इसके बाद सोशल मीडिया में कांग्रेस का एक पुराना वीडियो भी सामने आया है। जिसमें राहुल गांधी के सामने कांग्रेस नेता अजय माकन ने एपीएमसी ऐक्ट में संशोधन का समर्थन किया है। इस वीडियो में कांग्रेस नेता अजय माकन राहुल गांधी के सामने इस बात का ऐलान कर रहे हैं कि कांग्रेस ने किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए 11 मुख्यमंत्रियों की बैठक में इसका फैसला किया है कि एपीएमसी ऐक्ट के तहत बनी लिस्ट से हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही सोशल मीडिया में ट्वीट आया है कि जिसमें कांग्रेस की तऱफ से लिखा गया है कि सभी कांग्रेस शासित राज्यों एपीएमसी ऐक्ट से फल और सब्जियों को हटाएंगे।
वहीं शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि अपने घोषणापत्र में यह वादा किया था कि किसानों को एपीएमसी से बाहर निकाल कर लायेंगे और अब कांग्रेस ने अपने ही फैसले से पलटी मारी है। कांग्रेस नेता इस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं, वो बिचौलियों की भाषा बोल रहे हैं। वह किसानों के हितैषी नहीं है। भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा, इस अध्यादेश के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं सरकारी खरीद व्यवस्था जारी रहेगी और कृषि से जुड़े जो तीनों विधेयक लोकसभा में पारित हुए हैं इससे किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्ति मिलेगी।