फिलहाल भारत और चीन की बीच सीमा पर विवाद बना हुआ है। भारत की तरफ सीमा पर किए जा रहे निर्माण को लेकर बीजिंग को आपत्ति है। चीन सीमा विवाद के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में है। क्योंकि आर्थिक तौर पर भारत चीन से अब उत्पादों के कम आयात की रणनीति बना चुका है ।
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच बढ़ी दोस्ती से बीजिंग बौखला गया है। चीन का कहना है कि वह एक भी इंच जमीन को नहीं छोड़ेगा। वहीं अमेरिका भी भारत को समर्थन दे रहा है। वहीं खुद चीन के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है। जिसके बाद चीन की मुश्किलें भी बड़ी हुई हैं क्योंकि कोरोना संकट के बीच विश्व के 52 से ज्यादा देशों ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
फिलहाल भारत और चीन की बीच सीमा पर विवाद बना हुआ है। भारत की तरफ सीमा पर किए जा रहे निर्माण को लेकर बीजिंग को आपत्ति है। चीन सीमा विवाद के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में है। क्योंकि आर्थिक तौर पर भारत चीन से अब उत्पादों के कम आयात की रणनीति बना चुका है । जिसके बाद चीन को आर्थिक नुकसान हो सकता है। असल में भारत दुनिया में सबसे बड़ा बाजार है। वहीं चीन का भारत के बाजारों बड़ा दखल है।
फिलहाल सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत चल रही है। हालांकि चीन हमेशा बार बार पैंतरे बदलता है। लिहाज भारत भी जानता है कि चीन पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। वहीं अब चीन को भारत और अमेरिका की दोस्ती पर ऐतराज है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में चीनी सरकार ने दावा किया है कि वह सीमा एक भी इंच जमीन नहीं छोड़ेगा। चीन का ये बयान उस वक्त आया है जब दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। वहीं चीन ने नया पैंतरा अपनाया है और भारत को अपने जाल में फंसाने के लिए उसने कहा है कि वह भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है।
चीन को चुभी भारत-अमेरिका की दोस्ती
भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ सालों में रिश्ते मजबूत हुए हैं और भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती जगजाहिर है। दोनों एक दूसरे को सम्मान देते हैं। वहीं पीएम मोदी अमेरिका जा चुके हैं जबकि ट्रंप भी पिछले दिनों भारत की यात्रा पर आ चुके हैं। वहीं ट्रंप ने पिछले दिनों भारत को जी-7 देशों की होने वाले बैठक के लिए आमंत्रित किया। जिसके बाद चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका अन्य देशों के साथ उसके खिलाफ साजिश कर रहा है। हालांकि चीन ने ऐसा पहली बार नहीं कहा है।